Friday, June 26, 2020

आन बसों हिरदे रघुराई






🌞जय श्री सीताराम सादर सुप्रभात जी🌞

🌷प्यारे हरि भक्तों एक नवीन सुंदर भजन🌷
🌞जिसकी रचना कल ही श्री हरि कृपा से🌞
🌷हुई है स्मरण करें🙏
               🌷🙏🌷
            *****!!!!!*****

*आन बसो हृदय रघुराई*
          ! नील कंज घनश्याम सुंदर तन,
            नभ बारिद जनु छाई!!
*आन बसो हृदय रघुराई*
          ! पिताम्बर पट शिष मुुकुट मणि
            कुण्डल कर्ण धराई!!
*आन बसो हृदय रघुराई*
          ! राजीव दल लोचन मो निरखो,
            मुख मण्डल मुसकाई!!
*आन बसो हृदय रघुराई*
          ! अधर ललाम कपोल सुकोमल,
            सायक कंध धराई!!
*आन बसो हृदय रघुराई*
          ! नव पंकज गल माल विभूषण,
            चित्त करूणा बरसाई!!
*आन बसो हृदय रघुराई*
          !"जड़ कामि"अभिलाष कंज पद, आन 
             वर सेवा सुखदाई!!
*आन बसो हृदय रघुराई*

            *****!!!!!*****
                🌷🙏🌷

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