**राधास्वामी!! 18-07-2020-आज शाम के सतसंग में पढे गये पाठ-
(1) आज गुरु खेलन आये होरी। जग जीवन का भाग जगो री।-( अस लीला कहो कौन दिखावे। राधास्वामी दाता दया करो री।।) (प्रेमबानी-3,शब्द-24,पृ.सं.312)
(2) राधास्वामी सतगुरु सरन पडा री। राधास्वामी सतगुरु चरन गहा री।।-( राधास्वामी चरनन उठी एक धारी। प्रगट भई तब गुप्त दशा री।। ) (प्रेमबिलास- शब्द-15, पृ.सं.19)
(3) यथार्थ प्रकाश-भाग पहला-कल से आगे। 🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**
**राधास्वामी!! 18-07 -2020
आज शाम के सत्संग में पढ़ा गया बचन-
कल से आगे -(53)
हिंदू शास्त्रों में तीन रूप जीव के है, और तीन रूप ब्रह्म के बताए गए हैं- विश्व, तेजस और प्राज्ञ ये तीन रूप जीव के हैं, और विराट,हिरणयगरभ और अव्याकृत के तीन रूप ब्रह्म के हैं।
जीव के तीन रूप पृथ्वीलोक, सूर्यलोक, और चंद्रलोक में, और ब्रह्म के तीन रूप सहसदलकँवल, त्रिकुटी और सुन्नस्थान ने प्रकट हैः इसी प्रकार कुलमालिक के भी तीन रूप है और वह अलखलोक , अगमलोक और राधास्वामी- धाम में प्रकट है।
इसीलिए कहा जाता है कि कुलमालिक के निज रूप का दर्शन राधास्वामी- धाम में प्राप्त होता है। इस लोक का नाम भी राधास्वामी है यहां का शब्द या निज नाम भी राधास्वामी है, यहां का शब्द या निजनाम भी राधास्वामी है,और यहाँ के धनी का नाम भी राधास्वामी है।
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🙏🏻 राधास्वामी🙏🏻
यथार्थ प्रकाश- भाग पहला-
परम गुरु हुजूर साहबजी महाराज!**
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