मेरी आजाद रूह को क़ैद-ए-जिस्म ना देना ,
बड़ी मुश्किल से कटती है सज़ा-ए-ज़िंदगी मेरे #दाता #
तेरी रहमत है मालिक जो कटती जा रही है यह
वरना काटे से कहां कटती है यह जिदंगी मेरे #दाता #
कितने ही गुनाहो से लबरेज है यह तन बदन मेरा
फानी है इसे तो माटी ही है इक दिन होना #मेरे मालिक #
जो आऊ तेरे दर पे ले कर के रूहे पाक मै अपनी
कर्म करना मुझ पे मेरे #मौला#
मेरी रूहे पाक को आजाद कर देना
बचा के भवसागर के थपेङो से
मुझे चरणो मे ले लेना
मुझे चरणो मे ले लेना
🌹राधास्वामी🌹
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