परम गुरु हुजूर साहबजी महाराज-
रोजाना वाकिआत-
4 दिसंबर 1932- रविवार:-
आज 30 प्रतिष्ठित लोगों के नाम की लिस्ट संकलित की जिनकी खिदमत में गीता का उर्दू तर्जुमा प्रेषित होगा । एडिटर साहबान, लीडर , रियासत, सल्तनत, वतन , मिलाप, प्रकाश ,जमाना व क्रांति के प्रसिद्ध नाम शामिल फेहरिस्त है। उन सबसे मुझे सम्मान मुलाकात हासिल है। उम्मीद है कि उनमें से कोई ना कोई जरूर रचना का रिव्यु फरमाएंगे।।
रात के सत्संग में रूस के मजहब के खिलाफत का जिक्र हुआ। बड़े ताज्जुब की बात यह है कि यद्यपि रूस अपने स्वयं को परमार्थ व खुदा का दुश्मन जाहिर कर रहा है लेकिन ज्यादा करवाई वही कर रहा है जो सच्चे परमार्थ की सदुपदेश का अंश है।
मसलन परमार्थ सिखलाता है कि इंसान जमीन, जर व स्त्री की मोहब्बत कम करें। रुस में अब न कोई जमीन का मालिक है, ना किसी के पास जर है और शादी के नियम भी वहां ऐसे ढीले हैं कि मर्द व जन की मोहब्बत का कायम रहना कठिन ही हो गया है वह ऐसे ढीले कठिन ही हो गया है।
कुल भूमि की मालिक वहां की हुकूमत है घर में सोना रखना वहां जुर्म है। यह सब बातें हैं लेकिन उन पर तलवार के जोर से कार्य कराया जाता है। दूसरे लफ्जों में जो काम परमार्थ अपने मीठे उपदेश से कराने की कोशिश करता है रूस में या काम अब तलवार के जोर से कराए जाते हैं।
क्रमशः
🙏🏻 राधास्वामी🙏🏻**
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