प्रस्तुति - संत शरण / रीना शरण
🌹*राधास्वामी!
समस्त सतसंग जगत व प्राणीमात्र मिलकर हुजूर राधास्वामी दयाल के चरणों में कोटि कोटि शुकराना पेश करते है कि उन दाता दयाल ने आज के दिन जो ऐतिहासिक उपलब्थी हम सब तुच्छ जीवों को बख्शी है उसका शुकराना करने के लिये हम सब मिलकर ये ही प्रार्थना करते है कि "बढत सतसंग अब दिन दिन अहा हा हा ओ हो हो" वो दाता दयाल हम सबके बारे में कितनी दया बरसा रहे है जिसका वार पार नही और हम सब इसका लाभ उठाने के काबिल भी नही। आज दाता दयाल ने ई ओडियों सतसंग द्वारा सतसंग का सीधा प्रसारन करवा कर सतसंग इतिहास में एक ऐतिहासिक मील के पत्थर की तरह उपलब्धि हम सबके लिये दया फरमाई । आज कै ऐतिहासिक पल का जिन सतसंगियों ने लाभ उठाया वो सब बडभागी है जो किसी कारण से वंचित रह गये इस विषय पर गहन विचार करें और झुरे व पछताये और शाम के सतसंग का ओडियों द्वारा सीधा प्रसारण में जरुर अपनी उपस्थिति दर्ज करने की कोशिश करें। । "उठ जाग मुसाफिर भोर भई, अब रैन कहाँ जो सोवत हैं। जो सोवत है वो खोवत है जो जागत है वो पावत है।। पुन: समस्त सतसंग जगत व प्राणीमात्र मिलकर हुजूर राधास्वामी दयाल का बारम्बार शुकराना पेश करते है और सब मिलकर गाते है । "धन्य धन् सखी भाग हमारे धन्य गुरू का संग री" आज के ऐतिहासिक पल का हमने तो लाभ उठाया क्या आप भी इस अवसर में शामिल हुए? कृपा सभी इस विषय पर गहन विचार करें और हुजूर राधास्वामी दयाल के चरनों में कोटि कोटि शुकराना पेश करते हुए अंतर में प्रार्थना करें कि हम सब पर दया फरमाये। "राधास्वामी दयाल की दया राधास्वामी सहाय"**
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