प्रस्तुति - कृष्ण मेहता
*ग्रह कैसे खराब फल देते हैं*
हमारी मुश्किलों के हल निकलते नहीं,
क्योंकि माँ के चरण स्पर्श कर घर से निकलते नहीं..
*चन्द्र खराब*
काम हमारे बनते नहीं,
क्योंकि पिता की बात हम कभी सुनते नहीं..
*सूर्य खराब*
यार दोस्त भी काम आता नहीं,
सगा भाई हमें फूटी आँख भाता नहीं..
*मंगल खराब*
व्यापार में सदा ही होता है घाटा,
क्योंकि बुआ बहन से हम रखते नहीं कोई नाता..
*बुध खराब*
समाज सोसायटी में हमारी कोई मान मर्यादा नहीं,
क्योंकि घर के बड़े बजुर्गों की इज्जत करना हमें आता नहीं..
*गुरु खराब*
बरकत हमारे घर में आती नहीं,
पराई नार पर नजर रखते हैं, पत्नी हमें सुहाती नहीं..
*शुक्र खराब*
मौके पर आकर सब काम बिगड़ जाते हैं,
गरीबों का हक हम अक्सर खा जाते हैं..
*शनि खराब*
बुरे समय में जब घर में अक्सर झगड़े होने लगते है,
अपनों से ज्यादा हमें पराये अच्छे लगते है..
*राहू खराब*
दूसरों की सफलता से हम जलते हैं
और भगवान को कोसते हुए अपने हाथ मलते है...
*केतु खराब*
पता नही किसने लिखा पर सच लिखा, 🌹🌹*🚩🌹🌹🙏घुमाव
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