प्रस्तुति - स्वामी शरण / दीपा शरण /
सृष्टि शरण - दृष्टि शरण
*राधास्वामी!! 25-02-2020- आज शाम के सतसंग में पढा गया बचन-कल से आगे-(68) जब किसी शख्स को सच्चे मालिक का दर्शन हो जाता है तो वह उस अचिंत पुरूष से स्पर्श होने पर निश्चित हो जाता है और उसका अपना काम पूरा हो जाता है और अगर वह आयंदा स़सार में रहता है तो मालिक के खास हुक्म से और दूसरे लोगों को सीधे रास्ते पर लाने और उनकी सहायता करने के लिये। उसे अपने लिये किसी साधन की आवश्यकता नही रहती और वह अपने जीवन का हर क्षण और अपनी ताकत का हर जर्रा दूसरों की सहायता में सर्फ करता है और जैसे माता खून के रिश्ते की वजह से अपने बच्चो के साथ गहरी मोहब्बत करती है ऐसे ही वह शख्स, जिसको मालिक का दर्शन प्राप्त हो जाता है , रूहानी रिश्ते की वजह से प्राणीमात्र के साथ ऐसी मोहब्बत करता है जैसी कि मालिक करता है और चूंकि उसकी प्रीति सुरत के घट की होती है-जो मन के घाट के मुकाबले जहाँ से माता प्रीति करती है निहायत निर्मल और बलवान है इसलिये उसकी जगत के जीवों के लिये मोहब्बत माता की मोहब्बत के मुकाबले निहायत निर्मल और बढ कर मजबूत होती है।
🙏🏻राधास्वामी🙏🏻
( सतसंग के उपदेश-भाग तीसरा।*
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