प्रस्तुति - रेणु दत्ता /आशा सिन्हा
*सत्संग में जा कर हम घडी दो घडी अपने जीवन की सभी परेशानियां भूल जाते हैं और बडी शिद्दत से अपने सतगुर को याद करते है और प्रवचन सुनते हैं जब आंखे बन्द करते हैं तब तो सतगुर की छवि आंखो को दिखाई देती है और आंख खोले तो साध संगत दिखाई देती है यानि डबल दर्शन और पूरा दिन एक अजीब सी सकारात्मकता लेकर आता है और सारा दिन मन प्रसन्न रहता है अगर किसी दिन सत्संग नहीं जा पाते तो पूरा दिन खाली और अफसोस में बीतेगा सो हमेंकभी भी सत्संग नही छोड़ना चाहिये नियमित रूप से जाकर लाभ लेना चाहिए!!*_
*⚜राधास्वामी जी⚜*
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