Monday, February 24, 2020

आज 24/2 के सुबह और शाम का सत्संग




[24/02, 04:01] +91 94162 65214: **राधास्वामी!! 24-02-2020 -आज सुबह के सतसंग में पढे गये पाठ:-                             (1) मैं प्यारी प्यारे राधास्वामी की। गुन गाऊँ उनका सार।। मैं प्यारी प्यारे राधास्वामी की हुई अब छिन छिन शुकरगुजार।। (सारबचन-शब्द-दूसरा,पे.न.38)                                                                                       (2)सुरतिया पूज रही। गुरु बचन बिरह धर चीत।।                     (प्रेमबानी-2,शब्द-74,पे.न. 192)                                                                                          🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**
[24/02, 15:04] +91 94162 65214: **राधास्वामी!!         24-02-2020 -आज शाम के सतसंग में पढे गये पाठ:-                         (1) गुरु सतसंग करो तन मन से। बचन सुनत नित जागो रे।। (प्रेमबानी-3,शब्द-7,पे.न. 173)                                                          (2)स्वामी मेहर बिचार  बचन धीरज अस बोले। सुनहु भेद अब सार कहत हूँ तुमसे खोले।।        फल समझो निज धाम  करम का पेड पसारा। चढना तिन भुगतान।  कठिन चित लेव सभाँरा।। (प्रेमबिलास शब्द -72,पे.न.101)                                              (3) सतसंग के उपदेश-भाग तीसरा।।                                                            🙏🏻राधास्वामी🙏🏻                                           स्पेशल पाठ-(1) देखत रही री दरश गुरु पूरे।।(2) हे कोई ऐसी सुरत शिरोमण अटल सुहाग जिन पाना है । राधास्वामी🙏🏻🙏🏻**
[24/02, 15:04] +91 94162 65214: **राधास्वामी !! 24 -02- 2020- आज शाम के सत्संग में पढ़ा गया बचन- कल से आगे-( 67 ) :-अगर किसी जीव की सच्चे सतगुरु की तलाश में सारी उम्र भी गुजर जाए तो कोई हर्ज नहीं क्योंकि अपने बल से या अधूरे शिक्षक की सहायता से जीव मालिक का दर्शन नहीं पा सकता। जीव को इसमें जब सफलता होगी तब पूरे सतगुरु ही की सहायता से होगी । इसलिए बजाय इसके कि कोई शख्स मालिक की पूर्ति के लिए अपना बल नाहक लगावे, क्यों ना उसको सच्चे  सतगुरु की खोज में सर्फ करें और सफलता प्राप्त करें ।अगर जिज्ञासु सुबह उठकर अपना सिर दीनता से जमीन पर रखकर मालिक से प्रार्थना करें कि दुनिया में अगर सच्चे सतगुरु हैं तो उसको पता बक्शा जावे और ए प्रार्थना पेश करने के बाद अंतर में जवाब के लिए कुछ देर इंतजार करें तो नामुमकिन नहीं है कि उसकी मुराद बर आवे। सच्चे सतगुरु के लिए कठिन नहीं है कि ऐसी प्रार्थना के जवाब में जिज्ञासु के अंतर में अपना स्वरूप प्रकट करके उसकी शांति फरमावें। अंतर में दर्शन पाते ही जिज्ञासु की कठिनाई हल हो जाती है क्योंकि वह इस स्वरूप को ख्याल में रखकर आसानी से सतगुरु का खोज कर सकता है।🙏🏻 राधास्वामी🙏🏻 (सत्संग के उपदेश -भाग तीसरा)**

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