प्रस्तुति - स्वामी शरण /दीपा शरण
💫💫
रूह जिसे नाम मिला है..शरीर छोड़ती है..तब गुरू..और..काल में वकालत होती है..काल कहता है..आपकी रूह ने भजन किया है..पर मन से नहीं किया..सतगुर कहते हैं..मन से मेरा कोई मतलब नहीं..वो तो तेरा है..मुझे मेरी रूह से मतलब है..उसने मेरा हुक्म माना है..
सतगुर के हुक्म के पीछे राज़ होता है..
इसिलिए कहते हैं..मन लगे ना लगे..बैठो..सिमरन करो.. सुमिरन करो। मालिक सब संभाल करेगा, क्योंकि मालिक सब जानता है।
राधास्वामी।।
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