प्रस्तुति - विमला अजय यादव
: राधास्वामी!! 20-04-2020- आज शाम के सतसंग में पढे गये पाठ- (1) चंचल चित चपल मन, नित जग में भरमावत।। (प्रेमबानी-3-शब्द-7,पृ.सं.228) (2) कैसी कुबुद्धी नारि मन के जो कहने में आ गई (मैं)।। टेक।। (प्रेमबिलास-शब्द-101,पृ.सं.147) (3) सतसंग के उपदेश-भाग तीसरा-कल से आगे। 🙏🏻राधास्वामी🙏🏻
राधास्वामी!! आज शाम के सतसंग में पढा गया बचन- 20-04 -2020 -कल से आगे -(113) मालिक ने दुनिया में इंसान की जिंदगी खुशगवार बनाने और उसे तरक्की का मौका देने के लिए अपनी कुदरत से चंद ऐसे सामान पैदा किए हैं जिनका खुद मुहय्या करना उसके लिए नामुमकिन है । मसलन रोशनी, पानी, रुहानियत वगैरह। और जैसे रोशनी मुहय्या करने के लिए मालिक की जानिब से सूरज तैनात हुआ है, पानी के लिए समुद्र,, ऐसे ही रुहानियत मुहय्या करने के लिए साध संत, फकीर औलिया, ऋषि मुनि वगैरह तैनात किए गए हैं । अगर आज सूरज गायब हो जाए हो या समुन्द्र खुश्क हो जा तो थोडे ही अर्से मे दुनिया का खात्मा हो जाएगा। ऐसे ही अगर साध संतो की आमद बंद हो जाए तो थोड़े ही अर्से में दुनिया से इंसानियत उठ जायगी और तरक्की और सच्चे सुख की प्राप्ति का रास्ता हमेशा के लिये बंद हो जायेगा। मगर तअज्जुब व अफसोस है कि आम तौर लोग इस नेमत का पूरा फायदा नहीं उठाते और जैसे की लकड़ी के कोयले के अंदर मौजूद सूरज की खफीफ कुव्वत से काम चलाया जाता है ऐसे ही संत महात्माओं की लिखी हुई पुस्तकों,उनकी इस्तेमाली चीजों और उनके निशानात में मौजूद खफीफ रुहानियत से फायदा उठाने की कोशिश की जाती है। राधास्वामीमत सिखलाता है कि इंसान को रुहानियत की नेमत का पूरा फायदा तभी हासिल हो सकता है जब वह किसी ऐसे महापुरुष से ताल्लुक कायम करें जो रुहानियत से सरेचश्मा है और जो रुहानियत की बख्शीश ही के लिए दुनिया में भेजे गये है। 🙏🏻राधास्वामी🙏🏻
सत्संग के उपदेश भाग तीसरा
राधास्वामी
राधास्वामी
राधास्वामी
राधास्वामी
राधास्वामी दयाल की दया राधास्वामी सहाय राधास्वामी।।।।।।
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