दयालबाग की गुड़िया है
दस रुपया दाम है
सुपरमैन बच्चों के लिए
खेतों में आई है
राजाबरारी की गुड़िया है
ऐगजीबीशन में सजाई है
दाता जी ने दृष्टि डाल कर
बच्चों में बँटवाई है
गुड़िया मेरी सयानी है
पीती ठँडा पानी है
न रोती है न लड़ती है
बड़ों का कहना मानतीहै
इसके सँग मैं खेलूँगी
खेत में झूला झूलूँगी
इसे परशाद खिलाऊँगी
संग में मैं भी खाऊँगी
इसके संग मैं जाऊँगी
मैरिज पंचायत में नाम लिखाऊँगी
गुड्डा ढूँढ के लाऊँगी
दुल्हन इसे बनाऊँगी
गुड़िया मेरी सँवरेंगी
और ख़ुशी से झूमेंगी
खेतों में ब्याह रचाऊँगी
नाचूँगी और गाऊँगी
दूध पियो भइ दूध पियो
एक रुपये का दूध पियो
अमृत पेय नाम है
खेतों का परशाद है
बुद्धि को बढ़ाता है
बौडी को बनाता है
सुपरमैन स्कीम में
सब बच्चों को मिलता है
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