Tuesday, April 21, 2020

परम गुरू सरकार साहब जी स्मारिका




स्मारिका

परम गुरु सरकार साहब
              90. यद्यपि सरकार साहब की दया व मेहर से बहुत से सतसंगियों की बीमारी व तकलीफ़ें दूर हो गई थीं पर उन दयाल की अपनी बीमारी और शारीरिक तकलीफ़ चलती ही रही और उसमें कोई वास्तविक कमी नहीं आई। प्रायः यह आश्चर्य होता है कि अपने भक्तों के रक्षक गुरू महाराज अपने आपको क्यों नहीं चंगा कर लेते? एक बार हुज़ूर  साहबजी महाराज ने इसका स्पष्ट शब्दों में उत्तर 20 जून सन् 1937 ई. को अपने अन्तिम दिनों में दिया था जबकि कुर्तालम के सेक्रेटरी ने प्रार्थना की थी कि वे दयाल अपनी बीमारी को दूर फेंक दें। साहबजी महाराज ने फ़रमाया- ‘‘हुज़ूर  राधास्वामी दयाल की मौज के सामने हमारा आत्म-समर्पण बिना किसी शर्त के होना चाहिए। मैंने ख़ुद बीमारी माँगी नहीं थी। हुज़ूर  राधास्वामी दयाल अपनी मौज व मर्ज़ी से जो कुछ हमें प्रदान करें, हमें उसे ख़ुशी से स्वीकार करना चाहिए।’’ सरकार साहब ने भी abscess (ख़ास किस्म के फोड़े) की सख़्त आज़माइश का सामना अनुकरणीय सहनशीलता से किया और साहबजी महाराज बरसों तक ब्लड प्रेशर और दिल की बीमारी से पीड़ित रहे परन्तु उनमें से किसी ने भी लेश मात्र की परेशानी, घबराहट या मानसिक अशांति नहीं दिखाई।

राधास्वामी
राधास्वामी
राधास्वामी
राधास्वामी
राधास्वामी



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