**राधास्वामी!
! 25-04-2020-
आज शाम के सतसंग में पढे गये पाठ-
(1) प्यारी जरा कर बिचार, यहाँ सदा नही रहना।।टेक।। (प्रेमबानी-3-शब्द-12,पृ।सं.234)
(2) बाहर के साज काज नहिं सरिहै।।टेक।।। (प्रेमबिलास-शब्द-105,पृ.सं.151)
(3) सतसंग के उपदेश-भाग तीसरा-कल से आगे।।
🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**
**राधास्वामी!!
25-04 -2020
-आज शाम के सत्संग में पढ़ा गया बचन-
कल से आगे
-(118)
सवाल सत्संगी का -मुझे बतलाया जाए कि मैं किस दिन मरूंगा ?
जवाब - यह सवाल ना मुनासिब है । महात्माओं का बचन है कि मनुष्य को संसार के सब काम यह समझकर करने चाहिए कि वह कभी ना मारेगा! और परमार्थ के काम ख्याल रखकर करने चाहिए कि ना मालूम कब मौत आ जाए। इसलिए हर सत्संगी के लिए मुनासिब है कि मौत के लिए हर वक्त तैयार रहें और जो मौका व फुर्सत मिले उसे मालिक की याद में सर्फ करें। इसके अलावा समझना चाहिए कि जबकि मालिक की तरफ से यह इंतजाम है कि मनुष्य को मौत के दिन का पता न हो तो इस पर्दे का उठा देना जरूर सख्त फिसाद पैदा करेगा।।
🙏🏻 राधास्वामी 🙏🏻
सत्संग के उपदेश .भाग तीसरा।**
.......राधा स्वामी जी.........
*हमें फिर एक बार मनुष्य-जीवन का महान अवसर मिला है हम मनुष्य-जन्म में गुरु की शरण लेकर ऐसी करनी कर सकते है जिससे हम सदा के लिये अलग-अलग योनियों से मुक्त हो सकते है इसलिए यह हमारा मनुष्य-जन्म करोड़ों-अरबों अमूल्य हीरों से भी कही अधिक मूल्यवान है.....*
राधास्वामी
राधास्वामी
राधास्वामी
राधास्वामी
राधास्वामी
राधास्वामी दयाल की दया राधास्वामी सहाय राधास्वामी
।।।।।।
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