कैसे खिले ये कली बावरी
युग समान बीते क्षन मोरा
याद आए पिया रैना सारी
कैसे खिले ये कली बावरी
जब जब रुत बहार की आई
याद है उन की संग संग लाई
याद आए क्या उन्हें भी हमारी
कैसे खिले ये कली बावरी
रुत बसंत की बीतन लागी
दिलकी कली मुरझावन लागी
जागूं मैं सोए रैन जग सारी
कैसे खिले ये कली बावरी
सबकुछ अर्पन किया जिसको
कैसे भुल मैं पाऊं गी उसको
आस ना टुटे मीलन की प्यारी
कैसे खिले ये कली बावरी
कली बावरी कली बावरी
Satindar Gupta
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