🙏🏽
*सतगुरु की संगति में जाना,*
*अमृत रस के सरोवर में*संगति में jana
*स्नान करने से है,जो और*
*कहीं नही, हमारे ही भीतर है ..*
*लेकिन कोई खुशकिस्मत*
*भाग्यशाली जीव ही हैं जो दुनिया*
*की चमक-दमक*
*छोड़कर सतगुरु की संगति में*
*आते हैं...और नाम की कमाई*
*करते हैं।*
*जन्म जन्म की मैल जब भी*
*उतरेगी वो केवल नाम की कमाई*
*से ही उतरेगी, क्यूंकि ये*
*जो जन्मों जन्मों की मैल*
*आत्मा पर चढ़ी हुई है...*
*ये मैल सरोवरों में स्नान करने से,*
*वेद शास्त्रों के पढ़ने से,*
*दान पुण्य करने से,*
*जप तप पूजा पाठ हवन वगैरह*
*करने से नहीं उतरेगी...*
*ये तो सिर्फ और सिर्फ*
*भजन-सिमरन*
*करने से ही उतरेगी।।*
🙏🏽☝🏽🙏🏽
*राधा स्वामी जी*
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