*As announced today during evening Khet .*
*एक ज़रूरी सूचना*
प्रेमी भाई, प्रेमिन बहने और बच्चो को दयालबाग में अगर दोनों समय संभव ना हो तो कम से कम दिन में एक समय ही खेतो की सेवा के लिए अवश्य जाना चाहिए। उन्हें चाहिएं कि सत्संग व खेतों की सेवा में जाने की स्वस्थकर आदत को अपनाएं। परम गुरु हुज़ूर मेहता जी महाराज द्वारा भी इस बात पर ज़ोर दिया गया है और अपने उद्धार के लिए यह आसान रास्ता हैं। उपरोक्त को ध्यान में रखते हुए रोज़ाना सुबह या शाम ३ बजे दयालबाग में सायरन बजाया जा रहा है, जिससे दयालबाग निवासी सतर्क हो जाए, और सत्संग व खेतों की सेवा हेतु तय्यार होकर समय से पहुंचे।
*राधास्वामी*
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