● मत परेशान हो मस्त रहो, व्यस्त रहो क्योंकि...?
1. चालीस साल की अवस्था में "उच्च शिक्षित" और "अल्प शिक्षित" एक जैसे ही होते हैं।
2. पचास साल की अवस्था में "रूप" और "कुरूप" एक जैसे ही होते हैं। (आप कितने ही सुन्दर क्यों न हों झुर्रियां, आँखों के नीचे के डार्क सर्कल छुपाये नहीं छुपते)
3. साठ साल की अवस्था में "उच्च पद" और "निम्न पद" एक जैसे ही होते हैं।(चपरासी भी अधिकारी के सेवा निवृत्त होने के बाद उनकी तरफ़ देखने से कतराता है)
4. सत्तर साल की अवस्था में "बड़ा घर" और "छोटा घर" एक जैसे ही होते हैं। (घुटनों का दर्द और हड्डियों का गलना आपको बैठे रहने पर मजबूर कर देता है, आप छोटी जगह में भी गुज़ारा कर सकते हैं)
5. अस्सी साल की अवस्था में आपके पास धन का "होना" या "ना होना" एक जैसे ही होते हैं। (अगर आप खर्च करना भी चाहें, तो आपको नहीं पता कि कहाँ खर्च करना है)
6. नब्बे साल की अवस्था में "सोना" और "जागना" एक जैसे ही होते हैं। (जागने के बावजूद भी आपको नहीं पता कि क्या करना है).
जीवन को सामान्य रुप में ही लें क्योंकि जीवन में रहस्य नहीं हैं जिन्हें आप सुलझाते फिरें, आगे चल कर एक दिन हम सब की यही स्थिति होनी है इसलिए चिंता, टेंशन छोड़ कर मस्त रहें, स्वस्थ रहें। यही जीवन है और इसकी सच्चाई भी चैन से जीने के लिए चार रोटी और दो कपड़े काफ़ी हैं, पर बेचैनी से जीने के लिए चार मोटर, दो बंगले और तीन प्लॉट भी कम हैं !!
आदमी सुनता है मन भर, सुनने के बाद प्रवचन देता है टन भर, और खुद ग्रहण नही करता कण भर ये कटु सत्य है।
मेरे एक करीबी डॉक्टर मित्र की क्लिनिक में... लिखी हुई एक बेहतरीन लाइन जो मुझे बहुत ही सटीक लगी।
"दवा में कुछ भी मजा नही है" और "मजे जैसी कोई दवा नही है।"
दोस्त जिन्दगी की हर सुबह कुछ शर्ते लेके आती है, और जिन्दगी की हर शाम कुछ तर्जुबे देके जाती है। जीवन चाय बनाने जैसा है। सबसे पहले अपने अहम् को उबालिये, अपनी चिंताओं को भाप बना कर उड़ा दीजिये, अपने दुःखों को घुल जाने दीजिये, फिर अपनी गलतियों को छान लीजिये, अब बस खुशियों का स्वाद लीजिये।
दोस्त आप अपनी तुलना दूसरों से मत करो, क्योंकि हर फूल की खुशबू अलग होती है, जिसे तुम निभा न सको, ऐसा वादा कभी मत करो, बातें अपनी हद से, ज्यादा मत करो, तमन्ना रखो, आसमान छू लेने की लेकिन औरो को गिराने का, कभी इरादा मत करो..!!आओ आप और मैं भगवान से एक दुआ मांगें जिंदगी जीने की एक अदा मांगे अपने लिए तो बहुत माँगा हमने आओ आज सबके लिए भला मांगे तो बोलो जय श्री राम..🚩
(आपको मेरा सादर प्रणाम प्रभु श्री राम आपको सदैव सहपरिवार खुश रखें, स्वस्थ रखें, आपका मित्र बड़क साहब..✍️)
No comments:
Post a Comment