**राधास्वामी!! 05-04-2020- आज शाम के सतसंग में पढे गये पाठ:-
(1) हे प्यारे मनुआँ, नेक लगा दे कान ।।टेक।। (प्रेमबानी-3,शब्द-6,पृ.सं.213)
(2) सुरतिया धार बहाय रही। सतगुरु का दर्शन पाय।।टेक।। (प्रेमबिलास-शब्द-94,पृ.सं.135)
(3) सतसंग के उपदेश-भाग तीसरा-कल से आगे।।
🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**
**राधास्वामी
-05-04- 2020-
आज शाम के सत्संग में पढ़ा गया बचन-
कल से आगे-
( 102 )
दुनिया का पुराना इतिहास पढ़कर और मौजूदा जमाने की हालत देखकर संतों के इस बचन की पूरे तौर से तस्दीक हो जाती है कि यह दुनिया दुख का सागर है , इसको अपना वतन नहीं बनाना चाहिए।
इंसान कोशिश करके अपने कुछ दुख दूर कर सकता है और कुछ में कमी कर सकता है लेकिन वह संसार को सुखस्थान किसी हालत में भी नहीं बना सकता।
इसलिए हम पर फर्ज होता है कि सब कामकाज करें और सुख से जिंदगी बसर करने के लिए पूरी कोशिश करें लेकिन दुनिया को अपना वतन बनाने का ख्याल कभी दिल में न लावें है।
हमारा वतन निर्मल चेतन देश यानी सच्चे मालिक का धाम है। हमारी आंख उसी जानिब लगी रहनी चाहिए।
🙏🏻 राधास्वामी🙏🏻
सत्संग के उपदेश भाग तीसरा।**
राधास्वामी
राधास्वामी
राधास्वामी
राधास्वामी
राधास्वामी
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