**राधास्वामी!! 08-04-2020- आज शाम के सतसंग में पढे गये पाठ- (1) जगी है उमँग मेरे हिये में। गुरु सतगुरु आरती करुँ मैं।। (प्रेमबानी-3,शब्द-1,पृ.सं.214) (2) कस जायँ री सखी मेरे मन के बिकार।।टेक।। (प्रेमबिलास-शब्द-96, पृ.सं.137) (3) सतसंग के उपदेश-भाग-तीसरा-कल से आगे। 🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**
**राधास्वामी!! 08-04 2020 आज शाम के सत्संग में पढ़ा गया बचन कल से आगे -(104 )-हर कोई जानता है कि हमारी हर एक कार्यवाही का नतीजा किस न किसी किस्म के सुख या दुख की प्राप्ति है । पिछले वक्तों में इंसान की जरूरियात कम और जिंदगी की जरूरियात के मुतअल्लिक़ सामान ज्यादा रहने से उसके सुख ज्यादा थे और दुख कम । इस वजह से उन दिनों लोग आम तौर सुखों में मस्त रहते थे और सच्चे पर्मारथ के लिए बहुत कम लोगों को फुर्सत मिलती थी। आजकल जरूरियात में जबरदस्त इजाफा हो जाने से इंसानों के दुखों में जबरदस्त इजाफा हो गया है। हर शख्स उनसे छुटकारा पाने की फिक्र में हैं। इसलिए लोगों को सच्चे परमार्थ के लिए फुर्सत पर मिलना कठिन हो रहा है यानी पिछले वक्तों में सुखों की ज्यादती और इस वक्त दुखों की ज्यादती से लोग सच्चे परमार्थ की कमाई से मेहरूम है। हुजूर राधास्वामी दयाल का बचन है -आज कल के दुखों में 95 फीसदी या तो मानन के दुख है यह गलत समझौती के कारण पैदा होते हैं।।
🙏🏻 राधास्वामी🙏🏻 सत्संग के उपदेश- भाग तीसरा।।**
राधास्वामी। राधास्वामी। राधास्वामी
राधास्वामी। राधास्वामी। राधास्वामी। राधास्वामी।
राधास्वामी
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