**राधास्वामी!!
13-04-2020-
आज सुबह के सतसंग में पढे गये पाठ-
(1) देव री सखी मोहि उमँग बधाई। अब मेरे आनंद उर न समाई।। (सारबचन-शब्द-पहला, पृ.सं.74)
(2) सुरतिया नाच रही। चढ गगन शब्द धुन तान।। अलख अगम के चरन परस कर। पहुँची धुर अस्थान।। (प्रेमबानी-2,शब्द-99,पृ.सं.220) 🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**
**राधास्वामी!! 13-04-2020-
आज शाम के सतसंग में पढे गये पाठ:-
(1) ठुमक चढत सुरत अधर, सुन सुन घठ धुनियाँ।।टेक।। (प्रेमबानी-3,शब्द-1,पृ.सं.220)
(2) राधास्वामी नाम जपो मेरे भाईः राधास्वामी धाम सहज मिल जाई।। (प्रेमबिलास-शब्द-99,पृ.सं.141)
(3) सतसंग के उपदेश-भाग-तीसरा-कल से आगे।।। 🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**
**राधास्वामी!! 13-04- 2020 -
आज शाम के सत्संग में पढ़ा गया बचन- -(108 ):-
हर इंसान शुरू में छोटा बच्चा होता है और दरमियानी मंजिलें तय करके 40, 50 वर्ष की उम्र में सयाना आदमी बनता है। यही हाल जमाअतों का भी है।
चुनांचे हमारी संगत इस वक्त बचपन की हालत में है और जैसे सयाना होने पर इंसान का तजुर्बा पुख्ता, उसकी अक्ल साफ और रहनी गहनी काबिले एतबार हो जाती है ऐसे ही जमाअतोंं के उम्र पा लेने पर उनके मेंबरों के तजुर्बे और अकल में खुशगवार तब्दीली हो जाती है।
हालते मौजूदा में यानी जबकि हमारी संगत भी बचपन की हालत में है सतसंगियों से जब तक गलतियों का बल पड़ना या कमजोरियों का जहूर में आना कोई बड़ी बात नहीं है लेकिन साथ ही याद रखना चाहिए कि इस वक्त जरूरत इस बात की है कि सब सतसंगी और खास करके समझदार मिल कर कोशिश करें कि इस बच्चे की तंदुरुस्ती व तरक्की में कोई विघ्न न आने पावे। जवान होने पर यह बच्चा सतसंगियों कि उम्मीद से बढ़कर सेवा करेगा और खुशी से उनके आराम व आसायश का बोझ अपने सिर पर लेगा ।
🙏🏻
राधास्वामी 🙏🏻
सत्संग के उपदेश भाग तीसरा।**
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