राधास्वामी!!
04-06-2020-
आज शाम के सतसंग में पढे गये पाठ-
(1) गुरु धरा सीस पर हाथ। मन क्यों सोच करे।। गुरु देवें बिघन हटाय। उनसे काल डरे।। माया दल मारें आय। मोह मद अगिन जरे।। (प्रेमबानी-3-शब्द-3- पृ.संं. 273)
(2) मन सोच समझ रे भाई तेरे हित की कहूँ बुझाई।। उन टेक छुडाई दूसर निज टेकहि दृढ करवाई।। (प्रेमबिलास-शब्द-125-पृ.सं.182)
(3) यथार्थ प्रकाश-भाग पहला-कल से आगे।।
🙏🏻राधास्वामी🙏🏻
राधास्वामी!!
04-06- 2020
-आज शाम के सत्संग में पढ़ा गया बचन
- यथार्थ प्रकाश- भाग पहला-
{ राधास्वामी मत की शिक्षा}:-
कल से आगे :-
(6) यह सर्वसम्मत है कि शारीरिक और मानसिक शक्तियों को जगाने के लिए हर नवजात शिशु को पहले कुछ समय तक अपने माता-पिता से सहायता लेनी पड़ती है। इसके अनन्तर वह शारीरिक व्यायाम और विद्याओं और कलाओं में प्रवीण पुरुषों की शागिर्दी अख्तियार करता है। इसी नियम के अनुसार राधास्वामी- मत सिखलाता है कि अपने गुप्त आध्यात्मिक शक्तियों को जगाने के लिए भी हर मनुष्य को किसी निपुण आध्यात्मिक आचार्य की, जिसे संतमत की परिभाषा में संतसतगुरु कहा जाता है, शागिर्दी भी अख्तयार करनी चाहिये।।
(7) पर विदित हो कि संतसतगुरु से तात्पर्य किसी ऐसे पुरुष से नहीं है जो आध्यात्मिक शक्तियों और स्थानों के रहस्य से सिर्फ ऊपरी परिचय रखता हो बल्कि उस सिद्ध पुरुष से जिसने साधनद्वारा अपने आध्यात्मिक शक्तियों को पूरे तौर जगा कर सच्चे मालिक से एकता प्राप्त कर ली है या जिसको जन्म से यह परम गति प्राप्त है।।
🙏🏻राधास्वामी🙏🏻
यथार्थ प्रकाश -भाग 1
भाइयों,*
*मालिक के हुक़्म का पालन करने में ही भलाई है।*
*वक़्त गुरु की मान।*
*तेरे भले की कहूँ।।*
🙏🙏🙏🙏 *राधास्वामी* 🙏🙏🙏🙏
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
No comments:
Post a Comment