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गाय को बासी रोटी देने वालों पहले ये प्रस्तुति पढ़ लो,क्या आप भी बरसों से करते आ रहे हो ये बड़ी गलती?????
गाय को हिन्दू धर्म में एक विशेष स्थान प्राप्त हैं। शास्त्रों में भी गाय को घर में पालने और उसकी सेवा करने की बात कही गई हैं। ऐसा माना जाता हैं कि गाय के अन्दर 33 करोड़ देवी देवताओं का वास होता हैं। यही वजह हैं कि गाय की सेवा के साथ साथ गोवर्धन पर्व पर उसकी पूजा भी की जाती हैं।
धार्मिक महत्त्व के अलावा स्वास्थ की द्रष्टि से भी गाय को पालना और उसके दूध से बने प्रोडक्ट खाना सेहत के अच्छा होता हैं. सिर्फ दूध ही नहीं बल्कि गाय का मूत्र और गोबर भी कई तरह के फायदे प्रदान करता हैं। कुल मिलाकर कहे तो गाय का हमारे दिल, धर्म और घर में एक विशेष स्थान होता हैं।
लेकिन इतना सब जानने के बाद भी जब गाय हमारे दरवाजे पर आती हैं तो हम उसे बासी रोटी और बचा कूचा खाना दे देते हैं। अब जरा एक बार सोचिए! जब भी आप घर में कुछ बनाते हो तो सबसे पहले भगवान को उसका भोग लगाते हो। लेकिन जिस गाय को आप बासी रोटी देते हो उसके अन्दर तो 33 करोड़ देवी देवताओं का वास हैं।
ऐसे में आप अनजाने में इन सभी देवी देवताओं को बासी रोटी और खाने का भोग लगा रहे हो।
भगवान को बासे खाने का भोग लगाना मतलब आपके घर में अन्न की बरकत कम होना होता हैं। यदि आप भी गाय को बासी रोटी खिलाते हो तो आज ही संभल जाए, वरना आज नहीं तो कल आपके घर खाने पीने की किल्लत से लेकर धन की कमी तक जैसी समस्याएं आ सकती हैं।
अगर सीधे शब्दों में कहा जाए तो गाय एक श्रेष्ठ जीव है। आजकल लोग की व्यस्तता और जीवन शैली ऐसी हो चुकी है की गौ सेवा का लाभ नहीं लिया जा सकता क्योंकि गाँव देहात की बात तो अलग पर शहरों में गाय पालना बेहद मुश्किल काम हैं।
ऐसे में शहरी लोगों के लिए गाय की सेवा के दो ही रास्ते है या तो गौशाला आदि में दान आदि करें या फिर अगर राह चलते गाय मिल जाए तो उसे रोटी खिलाकर लोग पुण्य कर लेते है।
अक्सर गली मोहल्ले में देखा है लोग घर में रात का बचा हुआ खाना या बासी खाना गौ के लिए निकाल देते है। इसके पीछे लोगों की मंशा होती है की अन्न को फेंकना भी नहीं पड़ा और पुण्य लाभ भी हो गया पर आपको बता दें अगर आप भी ऐसा करते है तो आप पुण्य की जगह पाप के भोगी बन रहे है।
क्योंकि गाय को रोटी खिलाना तो पुण्य का काम है
पर बासी रोटी खिलाना बिकुल भी ठीक नहीं है।
आप जब भी घर में रोटियां बनाते हो तो सबसे पहले गाय के नाम की एक या अधिक रोटी बनाने की आदत डालो. इसके बाद उस रोटी को जितना जल्दी हो सके गाय को खिला दो. अक्सर यह देखा गया हैं कि लोग गाय के नाम की रोटी तो बना लेते हैं लेकिन उसे समय पर देने की बजाए आलस करते हैं और रोटी के बासी हो जाने के बाद गाय को खिलाते हैं. आपको अपनी यह आदत आज से ही बदलनी होगी. तभी आप 33 करोड़ देवी देवताओं के पाप के भागीदार बनने से बच पाएंगे।
!! वन्दे गौ मातरम् !!
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