Saturday, June 13, 2020

ध्यान साधना एकांत योग





ध्यान करने...एकांत ओर शांत जगह पर बेठे...पदमासन लगाए...ऐकदमसे ध्यान शुरु न करे...गहेरी साँसे ले...साँस निकालनेमे जोर दे...जरुरत पडने पर ही ले...हो सके उतनी साँसे धिरि ....ओर धिरि...न के बराबर ले...पेट जरासा ही हीलना चाहीए...जरुरत लगे तो आसन फिरसे लगाए...शरीरका सारा वजन रींढ पर ले आए...ऐकदम सिधे टट्टार बेठे..शरीरके दुसरे अंग वजन महेसुस नही करने चाहीए...मनमे आते विचारोको देखे...कीसीभी विचारके पक्षमे न जाय..ना कीसी विचारका खंडन करे...हमे महेसुस होना चाहीए...की हम मनके सिवा कही ओर हे...सबकुछ जो मेरा हे...वो मेरा हे..लेकीन वो मे नही हु...इस तरह शरीर ओर मन शांत होता जायेगा...अच्छा लगे तबतक ध्यानमे बेठे...जबरदस्ति ना करे...प्रतिदीन नियमित करे...रोज अवधि बढाए...ऐसा करनेसे उर्जा सुषुमणा नाडीसे सिधे  आज्ञा चक्रको टकराते हुए सहस्ञा धार पर चोट करेगी...धन्यवाद...

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