पिया मेरा जागे
मैं कैसे सोई री (१)
पाँच सखी मेरे सँग की सहेली,
उन रँग रँगी पिया रँग न मिली री (२)
सास सयानी ननद देवरानी,
उन डार डरी पिया सार न जानी री (३)
द्वादश ऊपर सेज बिछानी,
चढ़ न सकौं मारी लाज लजानी री (४)
रात दिवस मोहिं कूंका मारे,
मैं न सुनी रचि रहि सँग जार री (५)
कहै कबीर सुनु सखी सयानी,
बिन सतगुरू पिया मिले न मिलानी री (६)
* राधास्वामी*
राधास्वामी सन्तभजनावली -१९२
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