Saturday, July 4, 2020

आज 05/07 का दिन मंगलमय हो





  प्रस्तुति - कृष्ण मेहता:

🌞 ~ *आज का हिन्दू पंचांग* ~ 🌞
⛅ *दिनांक 05 जुलाई 2020*
⛅ *दिन - रविवार*

आज 05/07 का दिन मंगलमय हो
⛅ *विक्रम संवत - 2077 (गुजरात - 2076)*
⛅ *शक संवत - 1942*
⛅ *अयन - दक्षिणायन*
⛅ *ऋतु - वर्षा*
⛅ *मास - आषाढ़*
⛅ *पक्ष - शुक्ल*
⛅ *तिथि - पूर्णिमा सुबह 10:13 तक तत्पश्चात प्रतिपदा*
⛅ *नक्षत्र - पूर्वाषाढा रात्रि 11:02 तक तत्पश्चात उत्तराषाढा*
⛅ *योग - इन्द्र रात्रि 11:03 तक तत्पश्चात वैधृति*
⛅ *राहुकाल - शाम 05:33 से शाम 07:13 तक*
⛅ *सूर्योदय - 06:02*
⛅ *सूर्यास्त - 19:23*
⛅ *दिशाशूल - पश्चिम दिशा में*
⛅ *व्रत पर्व विवरण -  गुरुपूर्णिमा, व्यासपूर्णिमा, ऋषि प्रसाद जयंती, संन्यासी चतुर्मासारम्भ, विद्यालाभ योग (05 एवं 06 जुलाई को केवल गुजरात एवं महाराष्ट्र में)*
 💥 *विशेष - रविवार और पूर्णिमा के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
💥 *रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)*
💥 *रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)*
💥 *स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए। इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं।*
               🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞

🌷 *श्रावणमास* 🌷
🙏🏻 *श्रावण हिन्दू धर्म का पञ्चम महीना है। इस वर्ष 06 जुलाई 2020 सोमवार (उत्तर भारत हिन्दू पञ्चाङ्ग के अनुसार) से श्रावण का आरम्भ हो रहा है। श्रावण मास शिवजी को विशेष प्रिय है । भोलेनाथ ने स्वयं कहा है—*
 🌷 *द्वादशस्वपि मासेषु श्रावणो मेऽतिवल्लभ: । श्रवणार्हं यन्माहात्म्यं तेनासौ श्रवणो मत: ।।*
*श्रवणर्क्षं पौर्णमास्यां ततोऽपि श्रावण: स्मृत:। यस्य श्रवणमात्रेण सिद्धिद: श्रावणोऽप्यत: ।।*
 ➡ *अर्थात मासों में श्रावण मुझे अत्यंत प्रिय है। इसका माहात्म्य सुनने योग्य है अतः इसे श्रावण कहा जाता है। इस मास में श्रवण नक्षत्र युक्त पूर्णिमा होती है इस कारण भी इसे श्रावण कहा जाता है। इसके माहात्म्य के श्रवण मात्र से यह सिद्धि प्रदान करने वाला है, इसलिए भी यह श्रावण संज्ञा वाला है।*
🙏🏻 *श्रावण मास में शिवजी की पूजाकी जाती है | “अकाल मृत्यु हरणं सर्व व्याधि विनाशनम्” श्रावण मास में अकालमृत्यु दूर कर दीर्घायु की प्राप्ति के लिए तथा सभी व्याधियों को दूर करने के लिए विशेष पूजा की जाती है। मरकंडू ऋषि के पुत्र मारकण्डेय ने लंबी आयु के लिए श्रावण माह में ही घोर तप कर शिव की कृपा प्राप्त की थी, जिससे मिली मंत्र शक्तियों के सामने मृत्यु के देवता यमराज भी नतमस्तक हो गए थे।*
🙏🏻 *श्रावण मास में मनुष्य को नियमपूर्वक नक्त भोजन करना चाहिए ।*
 ➡ *श्रावण मास में सोमवार व्रत का अत्यधिक महत्व है*
🌷 *“स्वस्य यद्रोचतेऽत्यन्तं भोज्यं वा भोग्यमेव वा। सङ्कल्पय द्विजवर्याय दत्वा मासे स्वयं त्यजेत् ।।”*
🙏🏻 *श्रावण में सङ्कल्प लेकर अपनी सबसे प्रिय वस्तु (खाने का पदार्थ अथवा सुखोपभोग) का त्याग कर देना चाहिए  और उसको ब्राह्मणों को दान देना चाहिए।*
🌷 *“केवलं भूमिशायी तु कैलासे वा समाप्नुयात”*
🙏🏻 *श्रावण मास में भूमि पर शयन का विशेष महत्व है। ऐसा करने से मनुष्य कैलाश में निवास प्राप्त करता है।*
➡ *शिवपुराण के अनुसार श्रावण में घी का दान पुष्टिदायक है।*


         🌞 ~ *हिन्दू पंचांग* ~ 🌞
🙏🏻🌷🌻🌹🍀🌺🌸🍁💐🙏🏻
[7/5, 07:16] Morni कृष्ण मेहता: *गुरुपूर्णिमा विशेष*
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आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा कहते हैं। इस दिन गुरु पूजा का विधान है। गुरु पूर्णिमा वर्षा ऋतु के आरम्भ में आती है। इस दिन से चार महीने तक परिव्राजक साधु-सन्त एक ही स्थान पर रहकर ज्ञान की गंगा बहाते हैं। ये चार महीने मौसम की दृष्टि से भी सर्वश्रेष्ठ होते हैं। न अधिक गर्मी और न अधिक सर्दी। इसलिए अध्ययन के लिए उपयुक्त माने गए हैं। जैसे सूर्य के ताप से तप्त भूमि को वर्षा से शीतलता एवं फसल पैदा करने की शक्ति मिलती है, वैसे ही गुरु-चरणों में उपस्थित साधकों को ज्ञान, शान्ति, भक्ति और योग शक्ति प्राप्त करने की शक्ति मिलती है।

इस वर्ष गुरू पूर्णिमा 5 जुलाई 2020 को मनाई जाएगी। गुरू पूर्णिमा अर्थात गुरू के ज्ञान एवं उनके स्नेह का स्वरुप है। हिंदु परंपरा में गुरू को ईश्वर से भी आगे का स्थान प्राप्त है तभी तो कहा गया है कि हरि रूठे गुरु ठौर है, गुरु रूठे नहीं ठौर. इस दिन के शुभ अवसर पर गुरु पूजा का विधान है. गुरु के सानिध्य में पहुंचकर साधक को ज्ञान, शांति, भक्ति और योग शक्ति प्राप्त होती है।

गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा नाम से भी जाना जाता है क्योंकि यह दिन महाभारत के रचयिता कृष्ण द्वैपायन व्यास का जन्मदिन भी होता है. वेद व्यास जी प्रकांड विद्वान थे उन्होंने वेदों की भी रचना की थी इस कारण उन्हें वेद व्यास के नाम से पुकारा जाने लगा।

ज्ञान का मार्ग गुरू पूर्णिमा
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शास्त्रों में गुरू के अर्थ के अंधकार को दूर करके ज्ञान का प्रकाश देने वाला कहा गया है. गुरु हमें अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने वाले होते हैं. गुरु की भक्ति में कई श्लोक रचे गए हैं जो गुरू की सार्थकता को व्यक्त करने में सहायक होते हैं. गुरु की कृपा से ईश्वर का साक्षात्कार संभव हो पाता है और गुरु की कृपा के अभाव में कुछ भी संभव नहीं हो पाता।

भारत में गुरू पूर्णिमा का पर्व बड़ी श्रद्धा व धूमधाम से मनाया जाता है. प्राचीन काल से चली आ रही यह परंपरा हमारे भीतर गुरू के महत्व को परिलक्षित करती है. पहले विद्यार्थी आश्रम में निवास करके गुरू से शिक्षा ग्रहण करते थे तथा गुरू के समक्ष अपना समस्त बलिदान करने की भावना भी रखते थे, तभी तो एकलव्य जैसे शिष्य का उदाहरण गुरू के प्रति आदर भाव एवं अगाध श्रद्धा का प्रतीक बना जिसने गुरू को अपना अंगुठा देने में क्षण भर की भी देर नहीं की।

गुरु पूर्णिमा के चंद्रमा की तरह उच्चवल और प्रकाशमान होते हैं उनके तेज के समक्ष तो ईश्वर भी नतमस्तक हुए बिना नहीं रह पाते. गुरू पूर्णिमा का स्वरुप बनकर आषाढ़ रुपी शिष्य के अंधकार को दूर करने का प्रयास करता है. शिष्य अंधेरे रुपी बादलों से घिरा होता है जिसमें पूर्णिमा रूपी गुरू प्रकाश का विस्तार करता है. जिस प्रकार आषाढ़ का मौसम बादलों से घिरा होता है उसमें गुरु अपने ज्ञान रुपी पुंज की चमक से सार्थकता से पूर्ण ज्ञान का का आगमन होता है।

गुरू आत्मा - परमात्मा के मध्य का संबंध होता है. गुरू से जुड़कर ही जीव अपनी जिज्ञासाओं को समाप्त करने में सक्षम होता है तथा उसका साक्षात्कार प्रभु से होता है. हम तो साध्य हैं किंतु गुरू वह शक्ति है जो हमारे भितर भक्ति के भाव को आलौकिक करके उसमे शक्ति के संचार का अर्थ अनुभव कराती है और ईश्वर से हमारा मिलन संभव हो पाता है. परमात्मा को देख पाना गुरू के द्वारा संभव हो पाता है. इसीलिए तो कहा है , गुरु गोविंददोऊ खड़े काके लागूं पाय. बलिहारी गुरु आपके जिन गोविंद दियो बताय।

गुरु पूर्णिमा पौराणिक महत्व
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गुरु को ब्रह्मा कहा गया है. गुरु अपने शिष्य को नया जन्म देता है. गुरु ही साक्षात महादेव है, क्योकि वह अपने शिष्यों के सभी दोषों को माफ करता है. गुरु का महत्व सभी दृष्टि से सार्थक है. आध्यात्मिक शांति, धार्मिक ज्ञान और सांसारिक निर्वाह सभी के लिए गुरू का दिशा निर्देश बहुत महत्वपूर्ण होता है. गुरु केवल एक शिक्षक ही नहीं है, अपितु वह व्यक्ति को जीवन के हर संकट से बाहर निकलने का मार्ग बताने वाला मार्गदर्शक भी है।

गुरु व्यक्ति को अंधकार से प्रकाश में ले जाने का कार्य करता है, सरल शब्दों में गुरु को ज्ञान का पुंज कहा जा सकता है. आज भी इस तथ्य का महत्व कम नहीं है. विद्यालयों और शिक्षण संस्थाओं में विद्यार्थियों द्वारा आज भी इस दिन गुरू को सम्मानित किया जाता है. मंदिरों में पूजा होती है, पवित्र नदियों में स्नान होते हैं, जगह जगह भंडारे होते हैं और मेलों का आयोजन किया जाता है।

वास्तव में हम जिस भी व्यक्ति से कुछ भी सीखते हैं , वह हमारा गुरु हो जाता है और हमें उसका सम्मान अवश्य करना चाहिए. आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा 'गुरु पूर्णिमा' अथवा 'व्यास पूर्णिमा' है. लोग अपने गुरु का सम्मान करते हैं उन्हें माल्यापर्ण करते हैं तथा फल, वस्त्र  इत्यादि वस्तुएं गुरु को अर्पित करते हैं. यह गुरु पूजन का दिन होता है जो पौराणिक काल से चला आ रहा है।

शास्त्रोक्त श्री गुरु पूजन विधि
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ध्यान दें👉 इस वर्ष गुरुपूर्णिमा के ही दिन मान्ध चंद्रग्रहण पड़ रहा है। परन्तु मान्ध होने के कारण इसका आध्यात्मिक दृष्टिकोण से कोई महत्त्व नही इसका यम नियमादि मान्य नही होने के कारण सूतक आदि नही लगेगा।

इस साधना के लिए प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में उठ कर, स्नानादि करके, पीले या सफ़ेद आसन पर पूर्वाभिमुखी होकर बैठें बाजोट पर पीला कपड़ा बिछा कर उसपर केसर से “ॐ” लिखी ताम्बे या स्टील की प्लेट रखें। उस पर पंचामृत से स्नान कराके “गुरु यन्त्र” व “कुण्डलिनी जागरण यन्त्र” रखें। सामने गुरु चित्र भी रख लें। अब पूजन प्रारंभ करें।

पवित्रीकरण
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बायें हाथ में जल लेकर दायें हाथ की उंगलियों से स्वतः पर छिड़कें।

ॐ अपवित्रः पवित्रो व सर्वावस्थां गतोऽपि वा। यः स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं स बाह्याभ्यन्तरः शुचिः।

आचमन
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निम्न मंत्रों को पढ़ आचमनी से तीन बार जल पियें।

ॐ आत्म तत्त्वं शोधयामि स्वाहा।
ॐ ज्ञान तत्त्वं शोधयामि स्वाहा।
ॐ विद्या तत्त्वं शोधयामि स्वाहा।

१ माला जाप करे अनुभव करे हमरे पाप दोस समाप्त हो रहे है। .

ॐ ह्रौं मम समस्त दोषान निवारय ह्रौं फट
संकल्प ले फिर पूजन आरम्भ करे ।

सूर्य पूजन
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कुंकुम और पुष्प से सूर्य पूजन करें।

ॐ आकृष्णेन रजसा वर्तमानो निवेशयन्नमृतं मर्त्यं च। हिरण्येन सविता रथेन याति भुनानि पश्यन ।।

ॐ पश्येन शरदः शतं श्रृणुयाम शरदः शतं प्रब्रवाम शरदः शतं। जीवेम शरदः शतमदीनाः स्याम शरदः शतं भूयश्च शरदः शतात।।

ध्यान
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अचिन्त्य नादा मम देह दासं, मम पूर्ण आशं देहस्वरूपं।न जानामि पूजां न जानामि ध्यानं, गुरुर्वै शरण्यं गुरुर्वै शरण्यं।।

ममोत्थवातं तव वत्सरूपं, आवाहयामि गुरुरूप नित्यं। स्थायेद सदा पूर्ण जीवं सदैव, गुरुर्वै शरण्यं गुरुर्वै शरण्यं ।।

आवाहन
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ॐ स्वरुप निरूपण हेतवे श्री निखिलेश्वरानन्दाय गुरुवे नमः आवाहयामि स्थापयामि।

ॐ स्वच्छ प्रकाश विमर्श हेतवे श्री सच्चिदानंद परम गुरुवे नमः आवाहयामि स्थापयामि।

ॐ स्वात्माराम पिंजर विलीन तेजसे श्री ब्रह्मणे पारमेष्ठि गुरुवे नमः आवाहयामि स्थापयामि।

स्थापन
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गुरुदेव को अपने षट्चक्रों में स्थापित करें।

श्री शिवानन्दनाथ पराशक्त्यम्बा मूलाधार चक्रे स्थापयामि नमः।

श्री सदाशिवानन्दनाथ चिच्छक्त्यम्बा स्वाधिष्ठान चक्रे स्थापयामि नमः।

श्री ईश्वरानन्दनाथ आनंद शक्त्यम्बा मणिपुर चक्रे स्थापयामि नमः।

श्री रुद्रदेवानन्दनाथ इच्छा शक्त्यम्बा अनाहत चक्रे स्थापयामि नमः।

श्री विष्णुदेवानन्दनाथ क्रिया शक्त्यम्बा सहस्त्रार चक्रे स्थापयामि नमः।

पाद्य
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मम प्राण स्वरूपं, देह स्वरूपं समस्त रूप रूपं गुरुम् आवाहयामि पाद्यं समर्पयामि नमः।

अर्घ्य
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ॐ देवो तवा वई सर्वां प्रणतवं परी संयुक्त्वाः सकृत्वं सहेवाः। अर्घ्यं समर्पयामि नमः।

 गन्ध
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ॐ श्री उन्मनाकाशानन्दनाथ – जलं समर्पयामि।

ॐ श्री समनाकाशानन्दनाथ – स्नानं समर्पयामि।

ॐ श्री व्यापकानन्दनाथ – सिद्धयोगा जलं समर्पयामि।

ॐ श्री शक्त्याकाशानन्दनाथ – चन्दनं समर्पयामि।

ॐ श्री ध्वन्याकाशानन्दनाथ – कुंकुमं समर्पयामि।

ॐ श्री ध्वनिमात्रकाशानन्दनाथ – केशरं समर्पयामि।

ॐ श्री अनाहताकाशानन्दनाथ – अष्टगंधं समर्पयामि।

ॐ श्री विन्द्वाकाशानन्दनाथ – अक्षतां समर्पयामि।

ॐ श्री द्वन्द्वाकाशानन्दनाथ – सर्वोपचारां समर्पयामि।

पुष्प, बिल्व पत्र
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तमो स पूर्वां एतोस्मानं सकृते कल्याण त्वां कमलया सशुद्ध बुद्ध प्रबुद्ध स चिन्त्य अचिन्त्य वैराग्यं नमितांपूर्ण त्वां गुरुपाद पूजनार्थंबिल्व पत्रं पुष्पहारं च समर्पयामि नमः।

दीप
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श्री महादर्पनाम्बा सिद्ध ज्योतिं समर्पयामि।

श्री सुन्दर्यम्बा सिद्ध प्रकाशम् समर्पयामि।

श्री करालाम्बिका सिद्ध दीपं समर्पयामि।

श्री त्रिबाणाम्बा सिद्ध ज्ञान दीपं समर्पयामि।

श्री भीमाम्बा सिद्ध ह्रदय दीपं समर्पयामि।

श्री कराल्याम्बा सिद्ध सिद्ध दीपं समर्पयामि।

श्री खराननाम्बा सिद्ध तिमिरनाश दीपं समर्पयामि।

श्री विधीशालीनाम्बा पूर्ण दीपं समर्पयामि।

नीराजन
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ताम्रपात्र में जल, कुंकुम, अक्षत अवं पुष्प लेकर यंत्रों पर समर्पित करें।

श्री सोममण्डल नीराजनं समर्पयामि।

श्री सूर्यमण्डल नीराजनं समर्पयामि।

श्री अग्निमण्डल नीराजनं समर्पयामि।

श्री ज्ञानमण्डल नीराजनं समर्पयामि।

श्री ब्रह्ममण्डल नीराजनं समर्पयामि।

पञ्च पंचिका
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अपने दोनों हाथों में पुष्प लेकर निम्न पञ्च पंचिकाओं का उच्चारण करते हुए इन दिव्य महाविद्याओं की प्राप्ति हेतु गुरुदेव से निवेदन करें।

पञ्चलक्ष्मी
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श्री विद्या लक्ष्म्यम्बा प्राप्तिम् प्रार्थयामि।

श्री एकाकार लक्ष्मी लक्ष्म्यम्बा प्राप्तिम् प्रार्थयामि।

श्री महालक्ष्मी लक्ष्म्यम्बा प्राप्तिम् प्रार्थयामि।

श्री त्रिशक्तिलक्ष्मी लक्ष्म्यम्बा प्राप्तिम् प्रार्थयामि।

श्री सर्वसाम्राज्यलक्ष्मी लक्ष्म्यम्बा प्राप्तिम् प्रार्थयामि।

पञ्चकोश
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श्री विद्या कोशाम्बा प्राप्तिम् प्रार्थयामि।

श्री परज्योति कोशाम्बा प्राप्तिम् प्रार्थयामि।

श्री परिनिष्कल शाम्भवी कोशाम्बा प्राप्तिम् प्रार्थयामि।

श्री अजपा कोशाम्बा प्राप्तिम् प्रार्थयामि।

श्री मातृका कोशाम्बा प्राप्तिम् प्रार्थयामि।

पञ्चकल्पलता
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श्री विद्या कल्पलताम्बा प्राप्तिम् प्रार्थयामि।

श्री त्वरिता कल्पलताम्बा प्राप्तिम् प्रार्थयामि।

श्री पारिजातेश्वरी कल्पलताम्बा प्राप्तिम् प्रार्थयामि।

श्री त्रिपुटा कल्पलताम्बा प्राप्तिम् प्रार्थयामि।

श्री पञ्च बाणेश्वरी कल्पलताम्बा प्राप्तिम् प्रार्थयामि।

पञ्चकामदुघा
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श्री विद्या कामदुघाम्बा प्राप्तिम् प्रार्थयामि।

श्री अमृत पीठेश्वरी कामदुघाम्बा प्राप्तिम् प्रार्थयामि।

तदोपरांत गुरुदेव की आरती करें

आरती
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आरती करूँ आरती सद्गुरु की
प्यारे गुरुवर की आरती, आरती करूँ गुरुवर की।

जय गुरुदेव अमल अविनाशी, ज्ञानरूप अन्तर के वासी,
पग पग पर देते प्रकाश, जैसे किरणें दिनकर कीं।
आरती करूँ गुरुवर की॥

जब से शरण तुम्हारी आए, अमृत से मीठे फल पाए,
शरण तुम्हारी क्या है छाया,
कल्पवृक्ष तरुवर की।
आरती करूँ गुरुवर की॥

ब्रह्मज्ञान के पूर्ण प्रकाशक, योगज्ञान के अटल प्रवर्तक।
जय गुरु चरण-सरोज मिटा दी, व्यथा हमारे उर की। आरती करूँ गुरुवर की।

अंधकार से हमें निकाला, दिखलाया है अमर उजाला,
कब से जाने छान रहे थे, खाक सुनो दर-दर की।
आरती करूँ गुरुवर की॥

संशय मिटा विवेक कराया, भवसागर से पार लंघाया,
अमर प्रदीप जलाकर कर दी, निशा दूर इस तन की।
आरती करूँ गुरुवर की॥

भेदों बीच अभेद बताया,... आवागमन विमुक्त कराया,
धन्य हुए हम पाकर धारा, ब्रह्मज्ञान निर्झर की।
आरती करूँ गुरुवर की॥

करो कृपा सद्गुरु जग-तारन,
सत्पथ-दर्शक भ्रान्ति-निवारन,
जय हो नित्य ज्योति दिखलाने वाले लीलाधर की।
आरती करूँ आरती सद्गुरु कीc
प्यारे गुरुवर की आरती, आरती करूँ गुरुवर की।
[7/5, 10:09] Morni कृष्ण मेहता: *      *_●•प्रस्तुति❥_*
      ──⊱◈♟️पं0कृषण मेहता♟️◈⊰──
👉🏼 *_05 जुलाई 2020 आषाढ़ मास शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन विधिवत रूप से गुरु की पूजा-अर्चना की जाती है। इस दिन महर्षि वेदव्यास का जन्म भी हुआ था जिसके कारण इसे व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं। जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व के बारे में।_*

⚛️ *_गुरु पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त_*

*_आचार्य श्री गोपी राम के अनुसार गुरु पूर्णिमा दोपहर पहले 4 जुलाई  को सुबह 11 बजकर 34 मिनट से शुरू होगी। इसके साथ ही पूर्णिमा तिथि 5 जुलाई सुबह 10 बजकर 14 मिनट को समाप्त होगी।_*

👣 *_गुरु पूर्णिमा का महत्व_*

*_गुरु पूर्णिमा के दिन बड़ों और गुरुओं का आर्शीवाद लेना शुभ माना जाता है। इस दिन गुरु का पूजा करने का विधान है। गुरु की महिमा अपरंपार है। गुरु के बिना ज्ञान की प्राप्‍ति नहीं हो सकती। गुरु को तो भगवान से भी ऊपर दर्जा दिया गया है। इस दिन गुरु की पूजा की जाती है। पुराने समय में गुरुकुल में रहने वाले विद्यार्थी गुरु पूर्णिमा के दिन विशेष रूप से अपने गुरु की पूजा-अर्चना करते थे।_*

🙏🏼 *_गुरु पूर्णिमा पूजा विधि_*

*_गुरु पूर्णिमा के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर मंदिर जाकर देवी-देवता का नमन करें।  इसके बाद इस मंत्र का उच्‍चारण करें- 'गुरु परंपरा सिद्धयर्थं व्यास पूजां करिष्ये'।_*

💁🏻‍♀️ *_इसके अलावा आप चाहे तो इस मंत्र का जाप कर सकते हैं।_*

*_गुरुर्ब्रह्मा ग्रुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः।_*
*_गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः॥_*

*_इसके बाद ब्रह्मा, विष्णु और महेश की पूजा अर्चना करें। इसके लिए फल, फूल, रोली लगाएं। इसके साथ ही अपनी इच्छानुसार भोग लगाएं। फिर धूप, दीपक जलाकर आरती करें।_*

👣 *_अगर गुरु सामने हैं तो करें ऐसे पूजा_*

*_आगर आप गुरुओं के सामने हैं तो सबसे पहले उनके चरण धोएं। इसके बाद फूल अर्पण करते हुए उन्हें तिलक लगाएं। इसके बाद उन्हें शुद्ध भोजन कराएं और अपनी इच्छानुसार दक्षिणा देते हुए चरण स्पर्श करें। इसके बाद सादर के साथ विदा करें।_*

*_ईश्वर से मेरी प्रार्थना है कि आपके एवं आपके पूरे परिवार के लिए हर दिन शुभ एवं मंगलमय हों।_*

👉🏼 *_05 जुलाई 2020 आषाढ़ माह शुक्ल पक्ष की उदया तिथि पूर्णिमा और रविवार का दिन है। इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान-दान आदि का बड़ा ही महत्व है। रात 11 बजकर 2 मिनट तक इंद्र योग रहेगा। साथ ही 11 बजकर 2 मिनट तक पूर्वाषाढा नक्षत्र रहेगा।  इसके अलावा आषाढ़ पूर्णिमा के दिन मांद्य चन्द्रग्रहण पड़ रहा है। ग्रहण के समय चन्द्रमा धनु राशि और सूर्य पूर्वाषाढा नक्षत्र में स्थित रहेगा। इसके साथ ही सर्वार्थसिद्धि योग यानि सारे काम बनाने वाले योग रात 11 बजकर 2 मिनट से अगली सुबह सूर्योदय तक रहेगा।  जानिये  राशिनुसार कैसा रहेगा आपका दिन।_*

🐑 *_मेष राशि आज आपका सोचा हुआ काम पूरा होगा।  आपकी किसी पुराने क्लाइंट से मुलाकात होगी। आज आप कोई बड़ा काम शुरू कर सकते हैं। आज आपकी सफलता का स्तर अन्य लोगों की तुलना में ज्यादा रहेगा। आपको भाई-बहनों का सहयोग मिलता रहेगा। अचानक किसी स्रोत से आपको धन लाभ होगा। बड़े अधिकारियों से आपकी मुलाकात सफल रहेगी। लवमेटस के लिए आज का दिन अच्छा रहने वाला है।_*

🐂 *_वृष राशि आज आपको इनकम में बढ़ोतरी के लिये किसी की मदद मिलेगी। आपको किस्मत का साथ मिलेगा। ऑफिस का काम रोज की तुलना में आज बेहतर तरीके से पूरा होगा। आपके व्यवहार से सहकर्मी खुश रहेंगे, इससे आपका मन भी खुश रहेगा । शाम को परिवार के साथ ही घर पर पार्टी करेंगे। काम को लेकर आपकी कई योजनाएँ आज समय से पूरी हो जायेंगी। आपको कोई बड़ी सफलता मिलेगी।_*

👨‍❤️‍👨 *_मिथुन राशि आज आप अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाने में सफल होंगे । आपकी फिटनेस बनी रहेगी। आप घर के लिए कुछ जरुरी सामान खरीदेंगे। आप जीवनसाथी की किसी काम में मदद करेंगे। जीवन में आगे बढ़ने के नए रास्ते अपने आप खुलते जायेंगे । कारोबारियों के लिए धन लाभ के योग बने हुए हैं। कुल मिलकर आपके लिए आज का दिन अच्छा रहने वाला है।_*

🦀 *_कर्क राशि आज आपका दिन मिला-जुला रहेगा। माता-पिता का स्वास्थ्य काफी अच्छा रहेगा। छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा करने से कुछ लोग आपका विरोध करेंगे। प्रभावशाली लोगों से बात होने की संभावना बन रही है। निवेश के मामले में आपको कोई नई सलाह मिलेगी। व्यापार को बढानें का कुछ नए मौके मिलेगें। दूसरों के साथ मिल कर किये गए कार्यों में आपको बहुत हद तक सफलता मिलेगी।_*

🦁 *_सिंह राशि आज आपका दिन सामान्य रहेगा। घर में भाई-बहन की मदद से आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा। करियर में आपको सफलता मिलेगी। आज आपको अपने काम को टालने से बचना चाहिए, समय से काम पूरा कर लेना बेहतर रहेगा।  जीवनसाथी को समय दें, रिश्तें में चल रही कड़वाहट समाप्त होगी। ऑफिस में आपको अपनी राय रखने का मौका मिलेगा। विद्यार्थियों को अपना करियर और बेहतर बनाने के लिए मौके मिलेंगे।_*

👰🏻 *_कन्या राशि आज आपका दिन उत्तम रहेगा। आर्थिक लाभ के अच्छे अवसर प्राप्त होंगे । आपका स्वास्थ्य बेहतर रहेगा।  किसी मित्र से पूरा-पूरा सहयोग मिलेगा। परिवार में सभी सदस्यों के साथ आपसी सामंजस्य बना रहेगा। आज आपका अध्यात्म की तरफ रुझान अधिक रहेगा। आप जिस किसी काम को करने का प्रयास करेंगे, उस काम में आपको अच्छी कामयाबी मिलेगी।_*

⚖️ *_तुला राशि आज आपका दिन ठीक-ठाक रहेगा। आर्थिक उतार-चढ़ाव की स्थितियां देखने को मिलेगी। बेहतर होगा आप अपने काम के लिए लगातार प्रयास करते रहें । वाहन चलाते समय आज आपको थोड़ी सावधानी रखने की जरूरत है। किसी व्यापार में साझेदारी की सोच रहे हैं, तो उस विषय से जुड़े लोगों की सलाह जरूर लें। जीवनसाथी की तरक्की देखकर मन प्रसन्न होगा। छात्रों को  मेहनत के अनुरूप सफलता मिलेगी।_*

🦂 *_वृश्चिक राशि आज आपका दिन शानदार रहेगा। आपको तनाव से मुक्ति मिलेगी। जिससे आप काफी राहत महसूस करेंगे। लोगों की मदद आपको मिलती रहेगी। परिवारजनों के साथ खुशियों के पल बितायेंगे। दाम्पत्य रिश्तों में मजबूती आयेगी। आज कोई नई बात आपको सीखने को मिलेगी। आर्थिक स्थिति बेहतर रहेगी। करियर में नए आयाम स्थापित करेंगे।_*

🏹 *_धनु राशि आज आपका दिन ख़ुशी से भरा रहेगा। कारोबार में लाभ होने के योग बन रहे है। शैक्षणिक कार्यों में आपका मन लगेगा। इस राशि के राजनीति के क्षेत्र से जुड़े लोगों को सफलता मिलेगी। परिवार में किसी धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन करने का मन बनायेंगे। आपको किसी से उपहार मिलेगा।  सही योजना के तहत अपने करियर में बदलाव लायेंगे। सेहत के मामले में आप खुद को फिट महसूस करेंगे।_*

🐊 *_मकर राशि आज आपका दिन सामान्य रहेगा। आपके रिश्तों में मिठास बढ़ेगी। आज आप पर काम का बोझ थोड़ा ज्यादा रहेगा। अगर कोई नया काम शुरू करना चाहते है तो किसी अनुभवी व्यक्ति से सलाह ले लें। परिवार के मामले में कोई बड़ा फैसला लेने से पहले सबकी बात आपको जरूर सुनना चाहिए।  संतान से आपको सहयोग मिलेगा। लम्बे समय से रुके हुए काम आज पूरे हो जायेंगें।_*

⚱️ *_कुंभ राशि आज आपको कोई अच्छी खबर मिलेगी, जिससे पूरे दिन आपका मन प्रसन्न रहेगा। कोर्ट-कचहरी के मामलों में जीत हासिल होगी। आपके मान-सम्मान में बढ़ोतरी होगी। कारोबार में तरक्की के योग बन रहे है। सामाजिक क्षेत्र में आपकी सराहना होगी। किसी महिला मित्र का सहयोग मिलेगा। आर्थिक स्थिति पहले से बेहतर होगी।  कुल मिलाकर आज आपका दिन अच्छा रहने वाला है।_*

🐬 *_मीन राशि आज आपके व्यक्तित्व में निखार आयेगा। आपको रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। व्यापार को आगे बढ़ाने के लिए आज कोई बड़ा फैसला लेंगे। जिसका आपको लाभ भी मिलेगा। आज आपका स्वास्थ्य बेहतर रहेगा। अध्यात्म के प्रति लगाव बढ़ेगा। जीवनसाथी के सहयोग से काम पूरे हो जायेंगे । आज पुरे दिन आपका आत्मविश्वास बढ़ा हुआ रहेगा।_*

@@आदतों मे बदलाव भी देता है सुख तरक्की@@
       
*✒ आदत नम्बर 1...*
अगर आपको कहीं पर भी *थूकने की आदत* है तो यह निश्चित है कि यदि आपको यश, सम्मान मुश्किल से मिल भी जाता है तो कभी टिकेगा ही नहीं.

*✒ आदत नम्बर 2...*
जिन लोगों को अपनी *जूठी थाली या बर्तन* खाना खाने वाली जगह पर छोड़कर उठ जाने की आदत होती है *उनकी सफलता,* कभी भी स्थायी रूप से नहीं मिलती. ऐसे लोगों को बहुत मेहनत करनी पड़ती है.

*✒ आदत नम्बर 3...*
आपके घर पर जब भी कोई भी बाहर
से आये, चाहे मेहमान हो या कोई काम करने वाला, उसे स्वच्छ पानी ज़रुर पिलाएं. ऐसा करने से हम राहु का सम्मान करते हैं जो अचानक आ पड़ने वाले कष्ट-संकट नहीं आने देते.

*✒ आदत नम्बर 4...*
घर के पौधे आपके अपने परिवार के सदस्यों जैसे ही होते हैं, उन्हें भी प्यार और थोड़ी देखभाल की जरुरत होती है. *जो लोग नियमित रूप से पौधों को पानी देते हैं,* उन लोगों को Depression या Anxiety जैसी परेशानियाँ नहीं पकड़ पातीं.

*✒ आदत नम्बर 5...*
जो लोग बाहर से आकर *घर में*
*अपने चप्पल, जूते, मोज़े* इधर-उधर फैंक देते हैं, उन्हें उनके शत्रु बड़ा परेशान करते हैं. इससे बचने के लिए अपने चप्पल-जूते करीने से लगाकर रखें, आपकी प्रतिष्ठा बनी रहेगी.

*✒ आदत नम्बर 6...*
*उन लोगों का राहु और शनि खराब होगा,* जिनका अपना बिस्तर उनके उठकर जाने के बाद हमेशा फैला हुआ होगा, सिलवटें ज्यादा होंगी, *चादर कहीं, तकिया कहीं, कम्बल कहीं ?*  ऐसे लोगों की पूरी दिनचर्या कभी भी व्यवस्थित नहीं रहती.

*✒ आदत नम्बर 7...*
*पैरों की सफाई पर हम लोगों को हर वक्त ख़ास ध्यान देना चाहिए,*  जबकि हम में से बहुत सारे लोग पैरों को धोना या साफ करना भूल जाते हैं.  *नहाते समय* अपने पैरों को अच्छी तरह से धोयें, जब कभी भी बाहर से घर आयें तो पांच मिनट रुककर मुँह और पैर अवश्य धोयें. *आप खुद यह पाएंगे कि* आपका चिड़चिड़ापन कम होगा, दिमाग की शक्ति बढे़गी और क्रोध धीरे-धीरे कम होने लगेगा और आपका आनंद और शान्ति बढ़ेगी.

*✒ आदत नम्बर 8...*
*जो पुरुष रोज़ खाली हाथ अपने घर लौटते हैं,*  धीरे-धीरे उस घर से धन लक्ष्मी दूर चली जाती है और उस घर के सदस्यों में नकारात्मक या निराशा के भाव आने लगते हैं. इसके विपरीत घर लौटते समय कुछ न कुछ वस्तु लेकर आएं तो इस आदत से उस घर में बरकत बनी रहती है. उस घर में लक्ष्मी का वास होता जाता है. *हर रोज घर में कुछ न कुछ लेकर आना वृद्धि का सूचक माना गया है.*  ऐसे घर में सुख, समृद्धि और धन हमेशा बढ़ता जाता है और घर में रहने वाले सदस्यों की भी तरक्की होती है.

*✒ आदत नम्बर 9...*
*थाली में जूठन बिल्कुल न छोड़ें* और ऐसी आदत अपनाने के लिए आज ही ठान लें और एकदम पक्का तय कर लें.  *इस आदत से आपको पैसों की कभी कमी नहीं होगी*  अन्यथा सभी नौ के नौ ग्रहों के खराब होने का *खतरा सदैव* मंडराता रहेगा.  कभी कुछ तो कभी कुछ करने योग्य फायदे वाले काम अधूरे पड़े रह जायेंगे और आपका समय व पैसा कहां जायेगा, आपको पता ही नहीं चलेगा.

मेरा मानना है कि अच्छी बातें बाँटने से किसी न किसी का फायदा तो होता ही है साथ साथ *इस तरह की ज्ञान की बहुत अच्छी बातों* का महत्त्व समझने वाले लोगों में आपकी इज़्जत भी बढ़ने की सम्भावना बनी रहती है

🙏🏻😊

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