**राधास्वामी!! 15-07-2020
-आज शाम के सतसंग में पढे गये पाठ-
(1) गुरु सँग खेलन फाग चली। खिलत मेरे घट में कँवल कली।।-(उमँग कर राधास्वामी धाम चली। सरन गह राधास्वामी चरन रली।। (प्रेमबानी-3,शब्द-21,पृ.सं.310)
(2) सतगुरु मेरे पियारे। गुरु रुप धर के आये। एक छिन में आप मुझको। चरनन लिया लगाये।।-( अँग अ्ँग से अब हरख कर। चरनों पै सीस धर कर। राधास्वामी नाम गाऊँ। जिन आप मुझ चिताये।।) ( प्रेमबिलास-शब्द-11,पृ.सं.14)
(3) यथार्थ प्रकाश-भाग पहला-कल से आगे। 🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**
**राधास्वामी!! 15-07 -2020
-आज शाम के सत्संग में पढ़ा गया बचन
- कल से आगे -
( 50 )
अत्यंत आश्चर्य है कि आक्षेपको को आज तक किसी ने यह नहीं सुझाया कि यदि उन्हें राधास्वामी- मत की कोई पुस्तक पढ़ने के लिए अवकाश नहीं है तो वे किसी सत्संगी ही से राधास्वामी नाम रखने का कारण पूछ लें।
राधास्वामी- सत्संग का बच्चा-बच्चा जानता है कि यह नाम कुल मालिक का है और यद्यपि परम पुरुष स्वामीजी महाराज की धर्म पत्नी जी का उनके संबंध के कारण बड़ा आदर है तथापि उनका राधास्वामी- मत और राधास्वामी मत की शिक्षा से कोई संबंध नहीं है और राधास्वामी मत में संत सतगुरु के अतिरिक्त किसी भी पुरुष या स्त्री को कोई परमार्थी महत्व नहीं दिया जाता।।
🙏🏻 राधास्वामी🙏🏻
यथार्थ प्रकाश -भाग पहला-
परम गुरु हुजूर साहबजी महाराज!**
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