Friday, July 17, 2020

रोजाना वाक्यात / 17072o2o


**परम गुरु हजूर साहबजी महाराज

- रोजाना वाकिआत-

 कल से आगे-

 रात के वक्त आदि हिंदू भाइयों की एक अपील पढी। यह अपील हिंदी जबान में छपी है और बादशाह सलामत व गवर्नमेंटहाय- आलिया हिंद व इंगलिस्तान के नाम है। इसमें पूना के आपसी समझौते के मुताबिक सख्त ऐतराजात किये गए हैं। डिस्ट्रिक्ट आदि हिंदू सभा कानपुर की जानिब से यह कॉपी मेरे पास आई है । पृष्ठ 75 पर लिखा है कि आदि हिंदू भाइयों आदि धर्म "संत मत"  है।

गालिबन (संभवत:) इसी वजह से कानपुर सभा ने मुझे याद किया है । यह कहना तो बड़ी बात है कि उनका आदि धर्म संत मत है लेकिन यह जरूर सच है कि संत मत ही से इन बेचारे भाई दुखियां भाइयों को अव्वल अव्वल गले से लगाया और समान अधिकार दिये। मगर मुश्किल तो यह है कि उनसे उनमें से बहुत से अब महाशय कहलाने  और मंदिरों में मूर्तियों के दर्शन की प्यास से बेताब है ।।                                                       

मेरी तरफ से आधे हिंदू सभा कानपुर को यही जवाब है कि राधास्वामी मत का दरवाजा उनके लिए हर वक्त खुला है। राधास्वामी मत अनुयायियों ने आप लोगों की खातिर बीते 70 सालों में जात पाँत के कैदी के घमंडी हिंदू भाइयों के हाथों से जो जो जो जुल्म उठाये उनका तहरीर मे लाना दिरघ प्रक्रिया है । लेकिन जो कुछ उन्होने किया जड़ता की वजह से किया । हम उन्हें उनकी जहालत की सजा में नुकसान पहुंचाना पसंद ना करेंगे । बुद्धि नष्ट हो जाने पर इंसान बेतुकी कार्यवाहीयाँ ही करता है। लेकिन अब दया से सूरज रोशन हो रहा है जो हिंदू भाइयों को आम तौर समझ आ रही है । अपने स्वयं को उनसे अलहदा करके उन्हें खत्म करने की तैयारियां मत करो।

बल्कि बदी का एवज नेकी देकर दुनिया को साबित करो कि तुम्हारे दिल नामधारी ब्राह्मणों से ज्यादा पार्क और नाम निहाद क्षत्रियों से ज्यादा दिलेर और नाम निहाद वेश्यों से ज्यादा अमीर है । अगर तुम सचमुच संत मत अनुयायी हो तो निस्सहाय व विवश हिंदुओं की मदद करके दिखलाओ की आड़े वक्त संतमत अनुयाई कैसे दीनों की सहायता करते हैं ।

और यह भी याद रखो कि हरचंद आज तुम्हें हिंदुओं से अलग हो जाने में अपना फायदा नजर आता है लेकिन मौजूदा हालत ज्यादा अच्छा तक कायम नहीं रह सकती?  तुम्हारी संगत को अभी अपने पांव पर खड़ा होने में वक्त लगेगा। अगर आज तुमने हिंदुओं से अलहदगी अख्तियार करके उनका नाश करवा दिया तो तब तुम्हारे नाश होने के दिन आ जाएंगे।

 तुम पूना के फैसले को मंजूर कर लो और इस दरमियान में अपना कदम आगे बढ़ाओ। हिंदू और तुम मिलकर मुल्क का और एक दूसरे का ज्यादा भला कर सकते हैं  बमुकाबले अलग-अलग काम करने के तुमने दुख के दिन लाजवाब सब व दृढ़ता के साथ काटे।

 इस मौके पर धीरे से काम लो।  राधास्वामी मत तुम्हें यकीन दिलाता है तुम कभी अछूत नहीं थे। तुम्हारे अंदर से श्वपच ऋषि पैदा हुए, परम संत कबीर साहब पैदा हुए ,भगत रैदास पैदा हुए । तुम्हारे दिलों के अंदर दीन, गरीबी व भक्ति के अंग को खूब बढ़-चढ़कर मौजूद हैं। पॉलिटिकल लहर की लपेट में आकर इन दुख के दिनों के सहाई अंगो को नष्ट न होने दो। जो इस वक्त मिलता है ले लो।

 10 बरस बाद जितने और के लिए अधिकार पैदा कर लो वह तलब करना तुम यकीन करो कि 10 बरस बाद जितने और के लिये अधिकार पैदा कर लो, वह तलब करना। तुम यकीन करो कि तुम 10 बरस बाद तुम अब से बेहतर और ज्यादा मजबूत होगें। फिर तुम्हें हिंदुओं से आशंका किस बात का?                             

काश मेरी यह सलाह आदि हिंदू भाइयों को पसंद आवे! मुझे पॉलिटिकल मामलात से कभी दिलचस्पी नहीं हुई और ना ही मालिक ने मुझे उनकी समझ दी है ।

लेकिन यह कि एक और एक दो होते हैं और एक से दो ज्यादा होते हैं मेरे जैसा पॉलिटिकल मामलात से अपरिचित भी समझ सकता है। घर की झाड़ू की तीलियाँ तक उपदेश करती है कि उनके एक साथ मिलकर जाने से घर का गर्दोगुबार दूर किया जा सकता है।       

🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**



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