परम पूज्य हुज़ूर प्रो. प्रेम सरन सतसंगी साहब द्वारा फ़रमाया गया अमृत बचन
(रविवार, 31 मई, 2020 को प्रातः कृषि सेवा के दौरान)
राधास्वामी,
आज रविवार की सुबह मैं आपके समक्ष कला व विज्ञान जो सम्मिलित रूप से 'Dayalbagh Science of consciousness' में शामिल हैं, की दिशा में किए गए समस्त प्रयासों के सम्पूर्ण spectrum (क्रमिक विस्तार) में उपलब्ध Audio-Visual Domains (ऑडियो-विज़ुअल डोमेन्स) लाया हूँ।
वह Domain (डोमेन) जिसकी ओर अब सभी साइट्स (sites) दिशा उन्मुख होंगी उसका नाम e-deiwww.education है जिसमें Evolutionary Art and Science of Consciousness (चैतन्यता के कला व विज्ञान का क्रमिक विकास) का सम्पूर्ण विस्तार (spectrum) शामिल है।
हाल ही में आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी जिसकी सह-मेज़बानी कई देशों व संगठनों ने की थी, विशेषकर, वॉटरलू, ऑन्टेरियो व कनाडा की कई अन्य यूनिवर्सिटीज़ तथा जर्मनी की Keil वेबसाइट, में हमें चैतन्यता की अनुप्रस्थ इकाइओं (cross-section)व उनके सम्पूर्ण spectrum (क्रमिक विस्तार) को शामिल करने का सुअवसर प्राप्त हुआ। '
e-dei'के संबंध में अपने प्रेज़ेन्टेशन्स के माध्यम से जिसमें ' e' से तात्पर्य electronic (इलैक्ट्रौनिक) अर्थात् ऑनलाइन (online), तथा 'dei'से तात्पर्य दयालबाग़ एजुकेशनल इंस्टीट्यूट है जहाँ हम Evolutionary Education Mode में Art and Science of Consciousness (चैतन्यता के कला व विज्ञान) के सम्पूर्ण spectrum (क्रमिक विस्तार) का अध्ययन करते हैं,
यह हमारे ever evolving (निरन्तर विकासशील) online प्रेज़ेन्टेशन्स को प्रतिबिम्बित करते हैं। हम बहुत ही उत्साहवर्धक (exciting) समय में आ पहुँचे हैं जहाँ हमने विश्वभर के लगभग दस हज़ार श्रोताओं को अपनी ओmर आकर्षित किया है जिसमें YouTube के प्रयोग द्वारा चैतन्यता के wide (विस्तृत) spectrum को शामिल करने के फलस्वरूप गत अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में जिसकी सह मेज़बानी विभिन्न देशों द्वारा की गई थी विशेषकर वॉटरलू, ऑन्टेरियो, कनाडा की अन्य प्रधिनित्व यूनिवर्सिटीज़ में ऑडियो विज़ुअल संचार द्वारा 9 गुना वृद्धि हुई।
तो ऑनलाइन दर्शकों की 9 गुना शानदार वृद्धि हमें इस प्रयास को भविष्य में बनाए रखने के लिए प्रेरित करती है। इन सभी पर विचारोपरान्त हम इस विषय में सचेत हैं कि इस नूतन प्रयोग में लाए गए Google का 'YouTube'जो अब शेअर-आधारित रूप में Tata consultancy Services द्वारा उपार्जित (acquired) कर लेना प्रस्तावित है जिनके साथ हमारा एक लम्बे समय से SPHEEHA के रूप में सहयोग रहा है।
यदि आप स्मरण करें तो यह 21 मई, 2020 को हुआ था जिसमें Prof. Anna Horatschek व Prof. Anand Srivastava, Emeritus Prof. Peter Roe, Prof. Keith Hipel व Prof. Apoorva Narayan जो अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर वॉटरलू, कनाडा से मेज़बानी कर रहे थे, के सह-आयोजक थे।
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