**राधास्वामी!! 01-02-2021- आज शाम सतसंग में पढे गये पाठ:-
(1) हे मेरे समरथ साँईं। निज रूप दिखाओ। -(दरस दिखाय हरो मन पीडा। राधास्वामी काज बनाओ।।) (प्रेमबानी-4-शब्द-11-पृ.सं.98)
(2) मन माधो अरु मसखरा जिस दम हुआ कठो। राग द्वेष के बस पडा सहे ईरषा जोर।।(प्रेमबिलास-शब्द-134-पृ.सं.199) (प्रेमबिलास-शब्द-135-बसंत-पृ.सं.200)
(3) यथार्थ प्रकाश-भाग दूसरा-कल से आगे।
🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**
**राधास्वामी!! 01- 02- 2021
- आज शाम सत्संग में पढ़ा गया बचन-
परसों से आगे -(137)-
मनुस्मृति के छठे अध्याय के श्लोक ८२ में कहा है- "संतान आदि के मोह का त्यागना और मान अपमान का सहना आदि जीवआत्मा को परमात्मा के ध्यान से प्राप्त होते हैं। और आत्मा को न जानने वाला संसार के दुःखों को न सहता हुआ मुक्ति प्राप्त नहीं कर सकता"। पर मन-इंद्रिय के दास और संसार के उपासक ये बातें कब सुनने लगे?
(138)- हजरत मसीह के बचन भी इस स्थान पर विचार करने के योग्य है। लूक़ा की इंजील के चौदहवें बाब की २५ और २६ आयतों में लिखा है-" जब बहुत से लोग उसके साथ जा रहे थे तो उसने फिरकर उनसे कहा (२५)। अगर कोई मेरे पास आए और अपने बाप और माँ और बीवी और बच्चों और भाइयों और बहिनों बल्कि अपनी जान से दुश्मनी(hate) न करे तो मेरा शागिर्द नहीं हो सकता (२६)"। अब क्या ईसाईयों को भी परामर्श दिया जाएगा कि अपने बाप, माँ आदि से शत्रुता ठान कर उनके रवाना करने का प्रबंध किया जाय?
(
139)- इसी प्रकार श्री ग्रंथ साहब में फरमाया है। देखो राग आसा, श्लोक महल्ला पहला, 'आसा दी वार':- कूड(मिथ्या) राजा कूड़ परजा कूड सब संसार। कूड मंडप कूड़ माडी कूड बैसनहार(बैठनेवाला)। कूड सोयना(सोना) कूड रूपा कूड पहननहार। कूड काया कूड कप्पड(कपडे) कूड रूप अपार। कूड मीयाँ कूड बीबी खप्प हुए ख्वार(मियाँ और बीबी दोनो मिथ्या है, वे पचकर अपनी मान हानि कराते है)।
कूड कूडे नेह लग्गा(झूठे रिश्ते वाले लोग आपस की मोहब्बत में पडे है) विसरया(भूल गया) करतार। किस नाल कीचे(कीजिये) दोस्ती सब जग्ग चल्लनहार। कूड मिट्ठा कूड माख्यो(शहद) कूड डूबे पूर। नानक बिखाने (नानक साहब अर्ज करते हैं कि हे करतार! आपके सिवाय सब मिथ्या ही मिथ्या है) बेनती तुध बाझ कूडो कूड।।
(140)- अब कुरान मजीद की आज्ञाएँ भी देखिये। पारा ९, आयात १७ में आया है-(ऐ मुसलमानों) जान लो कि तुम्हारे माल और तुम्हारी औलाद बस (दुनियाँ के) बखेड़े हैं और बेशक बड़ा अजर खुदा ही के पास है। और पैरा २८, आयात १६ में भी फरमाया है- "तुम्हारे माल और तुम्हारी औलाद निरा जंजाल(कुरान मजीद में यहाँ'फितना' शब्द प्रयुक्त हुआ है" पृष्ठ ८९०' हममाइल शरीफ', अनुवाद मौलवी नजीरअहमद साहब कृत)।
🙏🏻राधास्वामी🙏🏻
यथार्थ प्रकाश- भाग दूसरा-
परम गुरु हुजूर साहबजी महाराज!**
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