प्रस्तुति - विमला / अजय यादव
[22/02, 14:24]
: राधास्वामी!!
22-02-2020-
आज शाम के सतसंग में पढे गये पाठ-(1)
कस प्रीतम से जाये मिलू मैं। कोई जतन बताओं रे।।
( प्रेमबानी-3, शब्द-5, पे.न.178)
(2) स्वामी मेहर बिचार बचन धीरज अस बोले। - सुनहु भेद अब सार कहत हूँ तुमसे खोले।। इसी हाल के माहिं वहाँ पक्षी इक आया। देख कीट बेहाल तरस मन ताहि समाया।।
(प्रेमबिलास-शब्द-72,पे.न.100) - - (3) सतसंग के उपदेश-भाग तीसरा। 🙏राधास्वामी 🙏
[22/02, 14:25] +91 94162 65214: सतसंग संस्कृति । 🌹🙏, [22.02.20 14:24]
राधास्वामी!! 22-02-2020- आज शाम के सतसंग में पढा गया बचन
-कल से आगे-(65)
दुनियाँ में हाथी ,घोडा ,अन्न और रुपया वगैरह धन माने जाते है और हर कोई जानता है कि संतोषधन प्राप्त होने पर ये सब धूल के समान ब्यापने लगते है लेकिन नाम का धन संतोष से भी बढकर है। इसके प्राप्त होने पर संतोष भी कंगाल दरसता है। इस देश में बहुत से ऐसे पुरुष हुए जीन्हे नाम का धन प्राप्त था और अब भी दया से सतसंग में ऐसे पुरूष मौजूद है। राधास्वामी दयाल अपने प्रेमी भक्तों को इस धन की बख्शिश फरमाते है जिसे पाकर वे दुनिया से बेनियाज़ हो जाते है।🙏🏻राधास्वामी🙏🏻(सतसंग के उपदेश-भाग तीसरा)
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