प्रस्तुति - उषा रानी
/ राजेंद्र प्रसाद सिन्हा
*(44)
परम गुरु हुजूर सरकार साहब की समाध के निर्माण के लिए हुजूर साहबजी महाराज द्वारा एक कार्यक्रम बनाया गया था जो कि कुछ सतसंगियों के समूह के बाधा डालने की प्रवृत्ति के कारण पूरा नही हो सका था। मालिक की दया से यह कार्य प्रारंभ हुआ और समाध और गार्डन हाउस जो अब सत्संग भवन है, के निर्माण कार्य का प्रारंभ हुजूर सरकार साहब के परिवार तथा बिहार के सामान्यता सभी सत्संगियों के पूर्ण सहयोग से किया गया और 1978 में पूरा हुआ। इसी के पास बिहार राधास्वामी सत्संग एसोसिएशन द्वारा बनाई गई सतसंगियों की एक कॉलोनी है और राधास्वामी ट्रेनिंग एंप्लॉयमेंट एंड रूलर डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट स्थापित है जिसमें वोकेशनल सेंटर चल रहा है। इसके अतिरिक्त अब बहुत सी सोसाइटीज स्थापित की गई है, एक दवाखाना, एक प्राइमरी स्कूल और एक पिलग्रिम शेड बन गया है । सभा ने कृषिकार्य के लिए एक छोटा प्लॉट अधिकृत किया है।। (45) 1983 में दयाल निवास में पावन स्यृतालय स्थापना की गई। इसमें हुजूर साहबजी महाराज तथा हुजूर मेहताजी महाराज की पवित्र रज को कलशों में संचित कर रखा गया है। इन्ही से सटे हुए कमरों तथा हॉल में परम पूज्य आचार्य के चित्र तथा उनके उपयोग में लाई गई वस्तुओं एवं वस्तुओं को प्रदर्शित किया गया है। स्मृतालय की स्थापना हो जाने से सत्संगी लोग एक ही स्थान पर आ कर अपने परम पूज्य संत सतगुरु को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित कर सकते हैं। (46) 1979 में महिला एसोसिएशन की एक गतिविधि के रूप में सत्संगी माता पिता के पुत्र पुत्रियों की मदद देने और विभाह से संबंधित सामाजिक रीति-रिवाजों में सुधार करने के उद्देश्य से विवाह संगम की स्थापना हुई। **
No comments:
Post a Comment