[10/02/2020
, 15:23] :
*🙏सही में सेवा क्या है?*
*सेवा जाने अनजाने मे हुए पिछले गलत कर्म काटने का जरिया है।*
*मन को विनम्र और द्रूढ बनाने का जरिया है*
*तन को बिना दवा से ही चुस्त और तंदुरुस्त रखने का जरिया है*
*मन में स्थिरता, प्रसन्नता और द्रुढता पैदा करने का जरिया है*
*सेवा यह अपने आप मे रेहमत भरी ख़ुशी है,*
*निस्वार्थ सेवा, बिना चाहे ही परिवार में सुख शांति का आगाज है*
*सेवा प्यार है, सेवा निष्काम निरिच्छीत विश्वास है। बड़े भाग्यशाली हैं जिन्हें सेवा का रहमत भरा मौका मिलता है*
*क्योंकि सेवा भी उसी को मिलती है जिनपे दातार की बक्शीश होती है। सेवा ही भक्ति है सेवा ही असली पुजा है। radha soami ji 🙏
[10/02, 15:23] Mamta Vodafone: **राधास्वामी!! 07-02- 2020 -आज शाम के सत्संग में पढ़ा गया बचन- कल से आगे-( 50) मुक्ति प्राप्त करने के दो तरीके हैं। अपने हाथ पांव मार कर अधिकार पैदा करना या सच्चे सतगुरु की शरण लेना । पहला तरीका कठिन है लेकिन असंभव नहीं है। दूसरा तरीका सुगम है लेकिन भय से पूर्ण है क्योंकि अगर किसी साधारण पुरुष की शरण धारण कर ली गई जो मन व शरीर का दास है और जिसके अंदर सुरत सोई हुई है तो सारी उम्र बर्बाद जाएगी और गलत आशा की वजह से अपने हाथ पाव चलाने का अवसर भी न मिलेगा, अलबत्ता अगर किसी को सच्चे सतगुरु मिल जावे तो उनकी शरण धारण करने से बढ़कर रसीला और आसान कोई दूसरा रास्ता हो ही नहीं सकता। इसलिये हर शख्स पर फर्ज है कि अपने लिए मुनासिब रास्ता चुने और जो रास्ता पसंद आवे उसपर सावधानी से चले। सबसे उत्तम यह होगा कि मनुष्य अपने हाथ पाँव भी चलावे और खोज करके सच्चे सतगुरु की शरण भी धारन करें ।🙏🏻 राधास्वामी 🙏🏻(सत्संग के उपदेश -भाग तीसरा*)*
प्रस्तुति - ममता शरण /कृति शरण
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