Friday, February 7, 2020

मौन रहने की सीख




*अच्छा होगा कि हम सब इस समय कम से कम पाँच मिनट के लिये चुप होकर मालिक के चरणों का ध्यान करें और अन्तर ही अन्तर उसका शुकराना बजा लायें। यह कार्रवाई अत्यन्त उचित व समयानुसार होगी।*
 (इन शब्दों के साथ ही उपस्थित जनों ने आज्ञानुसार चुप होकर मालिक के हुज़ूर में प्रार्थना की) हुज़ूर ने फिर फ़रमाया-

     इतिहास पढ़ने से ज्ञात होता है कि
*जब हज़रत मसीह पैदा हुए, आसमान पर फ़ रिश्तों ने ख़ुशी मनाई और बाजे बजाये।*
*हज़रत मोहम्मद साहब पैदा हुए,आसमान से सितारे टूटे और ख़ास क़िस्म की रोशनी हुई और बाजे बजे।*

 *कृष्ण महाराज पैदा हुए तो सख़्त अँधेरा छा गया और वर्षा हुई, उसी हालत में वसुदेव उन्हें नन्द के घर ले गये।*

 *हज़रत मसीह सूली पर चढ़ाये गये और उनके साथ वह बर्ताव किया गया जिसे पढ़कर रोंगटे खड़े हो जाते हैं।*
*हज़रत मोहम्मद साहब को 17 बार युद्ध करना पड़ा।*

*कृष्ण महाराज को पाँच वर्ष की अवस्था से ही राक्षसों से लड़ना पड़ा। उसके बाद महाभारत का दृश्य देखना पड़ा।*

प्रस्तुति - उषा रानी सिन्हा /राजेंद्र प्रसाद सिन्हा 

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