प्रस्तुति- सृष्टि शरण
*चाहत का फल*
यह होम क्वारंटाइन मांगी गई इच्छाओं का फल है। इसे स्वीकार करते हुए इस तरह से देखें👇
*1. बच्चे :* चाहते थे कि उनका कोई स्कूल न हो और वह सारा दिन खेल सकें। *(और यह हो गया)*
*2. महिला :* चाहती थी कि उनके पति उनके साथ समय बिताते हुए घर के हर काम में हाथ बटाएं। *(और यह हो गया)*
*3. पति :* मैं इस ट्रैफिक से परेशान हूँ और चाहता हूँ कि मैं घर पर रहूँ और कोई काम भी न करूँ और वेतन भी घर बैठे पाऊँ । *(और यह हो गया)*
*4. नौकरीपेशा महिलाएं :* काश मैं अपने बच्चों के साथ कुछ क्वालिटी टाइम बिता पाऊं। *(और यह हो गया)*
*5. विद्यार्थी :* काश मैं परीक्षा के लिए अध्ययन नहीं करता और एग्जाम टल जाए। *(और यह हो गया)*
*6. वृद्ध माता-पिता :* काश हमारे बच्चे रोज़ व्यस्त होने के बजाय हमारे साथ अधिक समय बिता पाते ? *(और यह हो गया)*
*7. कर्मचारी :* मैं नौकरी से तंग आ चूका हूँ। मुझे एक ब्रेक की जरूरत है। *(और यह हो गया)*
*8. व्यापारीः* हमारा कोई जीवन नहीं है, काश घर बैठकर टीवी देख सकते। *(और यह हो गया)*
*9. पृथ्वी :* मैं सांस नहीं ले पा रही। काश, मुझे इस सारे प्रदूषण और अराजकता से निज़ात मिले। *(और यह हो गया)*
*निष्कर्षः* अब आप ऐसे में ईश्वर से क्या शिकायत करेंगे ? आपने जो चाहा, वह हो गया। अतः आगे से सोच-समझकर मांगे क्योंकि आप जो चाहते हैं, ईश्वर पल भर में पूरा कर सकते हैं। 🙏
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