**परम गुरु हुजूर साहबजी महाराज-
【संसार चक्र】:-
पहला दृश्य-{भूमिगाँव के राजा दुलारेलाल दरबार में बैठे है। दीवान साहब, राजपंडित और मुसाहिबीन हाजिर हैं।}
एक मुसाहिब-लोग कहते हैं स्वर्गलोक अंतरिक्ष में है, मगर मेरा विचार तो यह है कि स्वर्गलोक हमारे महाराज के चरणों तले है।।
दूसरा मुजाहिब- जहाँ राजा इन्द्र, वही इन्द्रपुरी।।
राजपण्डित- परन्तु शास्त्रों में तो ऐसा लिखा है कि यह संसार मिथ्या है और यहाँ के भोग और सुख भी मिथ्या हैं। मनुष्य को संसार में सावधान रह कर बर्तना चाहिये।।
दीवान साहब-(नाराज होकर) पण्डित जी! कुछ दिन हमें जीने भी दोगे या नही? किसी वक्त शास्त्रों को आराम भी करने दिया करो।। पण्डित जी-(दिल में नाराज होकर मगर रंग बदल कर) हमारे माहाराज तो साक्षात इन्द्र के अवतार हैं।।
राजा दुलारेलाल-और हमारे दीवान साहब? क्रमशः
🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**
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