*🌹🌹🌹🌹🌹🌹
परम गुरु परम पितु हुजूर डा० एम० बी० लाल साहब जी का पावन भंडारा की समस्त सतसंग जगत व प्राणीमात्र को बहुत बहुत बधाई।
🙏🏻राधास्वामी🙏🏻🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹*
परमगुरु हजूर डा० लाल साहब जी का भंडारा हम सभी को
बहुत बहुत मुबारक हो
राधास्वामी 🙏🏻🙏🏻
**राधास्वामी!! 05-07-2020-
आज आरती के समय पढा गया पाठ-
(1) अपने स्वामी की मैं करत आरती। कुल कुटंभ सब अपना तारती।।-आरत पूरन भई है हमारी। पहुँच गई सतगुरु दरबारी।। (सारबचन-शब्द-12वाँ,पृ.सं.136-137)-
नोट-आज का पाठ पुरुष पाठ पार्टी व महिला पाठ पार्टी ने पढा। 🙏🏻राधास्वामी🙏🏻*
: 💥 आज सुबह आरती के समय पढा गया बचन
श्रीविल्लीपुत्तूर - 10 फ़रवरी, 1983-
आज सुबह ‘परम गुरु मेहताजी महाराज के बचन’ से एक बचन पढ़ा गया, जिसमें ज़िक्र था कि किसी बड़े प्रोग्राम के काम में हमें माल, पूँजी और आदमियों की ज़रूरत पड़ती है। अतः आपको आदमियों की ज़रूरत है और आपको अनुशासित रहना है।
सतसंग प्रोग्राम को पूरा करने के लिये हम अनुशासित लोग चाहते हैं। आपको सतसंग का सिपाही बनना है इसलिये केवल अनुशासित ही नहीं बल्कि शरीर से स्वस्थ तथा दिल व दिमाग़ से रोशन भी होना है। अगर आप सतसंग में शामिल हुए हैं तो आपका फ़र्ज़ है कि सतसंग के सिपाही बनें। हुज़ूर राधास्वामी दयाल की योजना मानव-मात्र के उद्धार की है।
आप को सतसंग के सिपाही की तरह अपना कर्त्तव्य पालन करना है। प्रोग्राम पूरा अवश्य होगा- चाहे आप राज़ी से करें या बेराज़ी से, आप लोगों को करना ही है। अगर आप ख़ुशी से करेंगे तो आनन्द मिलेगा। अगर आप हिचकिचायेंगे और प्रोग्राम में हिस्सा नहीं लेंगे तो आपसे ज़बरदस्ती करवाया जायेगा और तब आप उसे सजा समझेंगे। लेकिन हुज़ूर राधास्वामी दयाल सजा नहीं देते, लेकिन आप लोग ऐसा महसूस करते हैं क्योंकि आप उनके आदेशों का पालन नहीं करते।
बल्कि इससे एक सच्चे सतसंगी और हुज़ूर राधास्वामी दयाल के भक्त की तरह आपको सतसंग के भविष्य के प्रोग्रामों में ख़ुशी से पूरी तरह शामिल होने में सहायता मिलेगी। अगर आप सब लोग आपस में सहयोग से काम करें तभी यह सम्भव हो सकता है। सतसंगियों का आपस में मतभेद और झगड़ा नहीं होना चाहिए।
आप लोगों को प्रेम-प्रीति से व्यवहार करना चाहिये। अगर आप लोग इन निदेर्शों (directions) का पालन करेंगे, तो मुझे यक़ीन है कि मालिक की दया आपके साथ रहेगी।
(परम गुरु हुज़ूर डॉ. लाल साहब के बचन, प्रेम प्रचारक 21 मार्च, 1983 का अंश)
राधास्वामी
💥 TODAY MORNING BACHAN IN ARTI TIME
This morning a Bachan was read from the Bachans of Gracious Huzur Mehtaji Maharaj, in which it was mentioned that for any big programme of work we need material, money and men. So you need men and you have to be disciplined. We want disciplined men to carry out Satsang Programme. You have to be a Soldier of Satsang, and therefore, you have not only to be disciplined, but also to be physically healthy, mentally bright. If you have joined Satsang, it is your duty to try to become a Soldier of Satsang. There is a Divine Plan of Huzur Radhasoami Dayal for emancipation of the entire Humanity. You, as a Soldier of Satsang, have to perform your duty. The Programme shall be accomplished- willy nilly you will have to do it. If you do it with pleasure, you enjoy it. If you hesitate, and do not participate in this Programme, it will be forced on you, and you will think it as a punishment, but Huzur Radhasoami Dayal does not inflict punishments. You feel like that because you do not carry out His instructions. Therefore, as a true Satsangi, as a Bhakta of Huzur Radhasoami Dayal, it will help you to participate whole-heartedly in the future Programme of Satsang. This can be possible only if all of you work in co-operation with one another. There should be no bickerings or quarrels amongst Satsangis. You should behave with love and affection. If you follow these directions, I am sure the Grace will be on you.
---Excerpted from Param Guru Huzur Dr. M.B. Lal Sahab's Discourse delivered at Srivilliputtur on 10-2-1983
RADHASOAMI
No comments:
Post a Comment