**राधास्वामी!! 27-09-2020- आज सुबह सतसंग में पढे गये पाठ:-
(1) परम गुरु राधास्वामी प्यारे, जगत में देह धर आये, शब्द का देके उपदेशा, हंस जिव लीन मुकताये।।(प्रेमबानी-3-शब्द-3,पृ.सं.218)
(2) राधास्वामी दयाल सुनो मेरी बिनती। जल्दी दरस दिखाओं हो।।टेक।। तडप रही मैं बहुत दिनों से अब घट द्वार खुलाओ हो।। (प्रेमबानी-3-शब्द-5,पृ.सं.266) सतसंग के बाद:- (1) दिल का हुजरा साफ कर जानाँ के आने के लिरे। ध्यान गैरों का उठा उसके बिठाने के लिये।। (संतबानी-संग्रह-भाग-2-शब्द-30(तुलसी साहब) पृ.सं. 84)
(2) परम गुरु परम पितु, परम प्रिय नाथ मम। आदि पुरुष आदि हितु, आनि जग तारिये।।) ( रत्नाञ्जली-पृ.सं.23)
(3) तमन्ना यही है कि जब तक जिऊँ। चलूँ या फिरुँ या कि मेहनत करुँ।। पढूँ या लिखूँ मुहँ से बोलूँ कलाम । न बन आये मुझसे कोई ऐसा काम।। जो मर्जी तेरी के मुवाफिक न हो। रजा के तेरी कुछ मुखालिफ जो हो।।
🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**
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