Friday, September 25, 2020

स्टूडेंट्स सत्संग में वचन

 बचन नं 7


      8 जुलाई , 1945 रविवार को लड़कों के सतसंग में हुजूर ने फ़रमाया आप लोग यदि दयालबाग में यहाँ के नियमों को सामने रख कर उनके अनुसार चलेंगे तो सदैव आराम से रहेंगे । यदि आपको निवास - काल में कोई कष्ट हो तो आप आपस में मिल कर दूर करने की कोशिश कीजिए । यदि दूर न हो तो आप अपने अध्यापक व वार्डन साहब से निवेदन कीजिए । यदि संतोष न हो तो प्रिंसिपल साहब से निवेदन कर सकते हैं , और फिर रविवार के दिन जब आप यहाँ आवें तो उसे यहाँ भी कह सकते हैं । आप यहाँ पर रह कर अपना ध्यान अपनी पढ़ाई की तरफ़ रखें , अपने समय की कद्र करना सीखें । व्यायाम करके अपने शरीर व स्वास्थ्य को ठीक रखें और व्यर्थ कामों व बातों में अपना समय व धन नष्ट न करें । ऐसा करने से आप सदैव प्रसन्न रहेंगे , अपने जीवन में सफल रहेंगे और यहाँ के शिक्षालयों से पूरा लाभ उठा सकेंगे।

No comments:

Post a Comment

बधाई है बधाई / स्वामी प्यारी कौड़ा

  बधाई है बधाई ,बधाई है बधाई।  परमपिता और रानी मां के   शुभ विवाह की है बधाई। सारी संगत नाच रही है,  सब मिलजुल कर दे रहे बधाई।  परम मंगलमय घ...