*तू बंदा है गुरू का*
अपने फूल से चेहरे को मुरझाया ना कर...
जब तक तेरे सर पै हाथ है सतगुरु का
तब तक किसी भी बात से घबराया ना कर......
तू जिंदगी को जी,
उसे समझने की कोशिश ना कर....
चलते वक़्त के साथ तू भी चल,
वक्त को बदलने की कोशिश न कर.....
दिल खोल कर साँस ले,
अंदर ही अंदर घुटने की कोशिश न कर......
*कुछ बाते गुरू पर छोड़ दे,*
सब कुछ खुद सुलझाने की कोशिश न कर.....
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