- आज शाम के सतसंग में पढे गये पाठ- 10/09
(1) ऐसी चौपड खेलो जग में। लाल होय पहुँचो गुरु पद में।। ऐसा औसर फिर नहिं मिलही। जम को कूट पार घर चलही।।-(अस चौपड राधास्वामी खिलाई। सुरत जीत कर निज घर आई।।) (प्रेमबानी-3-शब्द-21)
(2) आज गाउँ गुरु महिमा मन उमँग जगाय।।टेक।। दया मेहर मोहि जुक्ती दीन्ही। तन मन से स्रुत दई अलगाय।।-( हे राधास्वामी प्यारे सतगुरु। तुम बिन और न कोई सुहाय।।) (प्रेमबिलास-शब्द-50,पृ.सं.64)
(3) यथार्थ प्रकाश-भाग पहला-कल से आगे। 🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**
**राधास्वामी!! -
10-09 -2020 -आज शाम के सत्संग में पढ़ा गया बचन
-( 105 )-राधास्वामी सत्संग सभा एक नियम अनुसार रजिस्ट्ररी की हुई परिषद है। इसके 47 सभासद है जो भारत वर्ष के विभिन्न प्रदेश- निवासी सत्संगियों के प्रतिनिधि है । सभा के अधीन एक कार्यकारिणी समिति( एग्जीक्यूटिव कमेटी) है जिसके 9 सदस्य हैं। इस समिति के अधिकार में सभा के सब कारबार की देखरेख और इसकी समस्त संस्थाओं का प्रबंध है। सभा एवं कार्यकारिणी समिति के अधिवेशनों में समस्त प्रस्ताव मताधिक्य से निर्णीत होते हैं।
सभा के निजी अधिकार और नियम पुस्तक- रूप में प्रकाशित हुए हैं और प्रत्येक व्यक्ति सेक्रेटरी साहब के पास पत्र भेजकर उसकी एक प्रति प्राप्त कर सकता है । सभा के अधिवेशन साल में दो बार अर्थात ईस्टर और क्रिसमस की छुट्टियों में होते हैं। और कार्यकारिणी समिति की बैठक प्रति मास होती है। सभा के वार्षिक अधिवेशन में समस्त आवश्यक विषयों के अतिरिक्त वार्षिक आय-व्यय- विवरण(Budget) उपस्थित किया जाता है।
और इसकी स्वीकृति के अनन्तर कार्यकारिणी समिति की अध्यक्षता में आगामी वर्ष का काम चलाया जाता है । सभा और कार्यकारिणी समिति के अधिवेशनों की कार्यवाहियाँ नियत रुप से रजिस्ट्रों में अंकित की जाती है।।
🙏🏻राधास्वामी🙏🏻
यथार्थ प्रकाश- भाग पहला- परम गुरु हूजूर साहबजी महाराज!**
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