घास और बाँस
ये कहानी एक ऐसे व्यक्ति की है जो एक *बिज़नेस मैन* था लेकिन उसका *बिज़नेस* डूब गया और वो पूरी तरह *निराश और हताश* हो गया। अपनी लाइफ से बुरी तरह थक चुका था। अपनी लाइफ से बहुत *घुटन महसूस* करने लगा था।
एक दिन परेशान होकर वो जंगल में गया और जंगल में काफी देर अकेले बैठा रहा। कुछ सोचकर भगवान से बोला – *मैं हार चुका हूँ, मुझे कोई एक वजह बताइये कि मैं क्यों ना हताश होऊं, मेरा सब कुछ खत्म हो चुका है।*
*मैं क्यों ना frustrate होऊं?*
कृपया मेरी मदद करे....
*भगवान का जवाब*
तुम जंगल में इस *घास और बांस* के पेड़ को देखो- जब मैंने *घास और इस बांस के बीज* को लगाया। मैंने इन दोनों की ही बहुत अच्छे से *देखभाल* की। इनको बराबर *पानी* दिया, बराबर *सूर्य का प्रकाश* दिया।
घास बहुत *जल्दी बड़ी* होने लगी और इसने धरती को *हरा भरा* कर दिया लेकिन *बांस का बीज बड़ा* नहीं हुआ। लेकिन *मैंने बांस के लिए अपनी हिम्मत नहीं हारी।*
दूसरी साल, *घास और घनी* हो गयी उस पर *झाड़ियाँ* भी आने लगी लेकिन *बांस के बीज* में कोई प्रगति नहीं हुई। लेकिन मैंने फिर भी *बांस के बीज के लिए हिम्मत नहीं हारी।*
तीसरी साल भी *बांस के बीज में कोई वृद्धि* नहीं हुई, लेकिन मित्र मैंने फिर भी *हिम्मत नहीं हारी।*
चौथे साल भी *बांस के बीज* में कोई *प्रगति* नहीं हुई लेकिन मैं फिर भी लगा रहा।
पांच साल बाद, उस *बांस के बीज से एक छोटा सा पौधा अंकुरित* हुआ……….. *घास* की तुलना में ये बहुत *छोटा था और कमजोर* था लेकिन केवल 6 महीने बाद ये छोटा सा *पौधा 100 फ़ीट लम्बा हो गया*।
मैंने इस *बांस की जड़ को वृद्वि करने के लिए पांच साल* का समय लगाया। इन पांच सालों में इसकी जड़ इतनी *मजबूत हो गयी कि 100 फिट से ऊँचे बांस को संभाल सके।*
जब भी तुम्हें *जीवम में संघर्ष* करना पड़े तो समझिए कि आपकी *जड़ मजबूत* हो रही है। आपका *संघर्ष आपको मजबूत* बना रहा है जिससे कि आप आने वाले कल को *सबसे बेहतरीन बना सको।*
मैंने बांस पर हार नहीं मानी,
मैं तुम पर भी हार नहीं मानूंगा,
*किसी दूसरे से अपनी तुलना(comparison) मत करो*
*घास और बांस* दोनों के बड़े होने का समय अलग अलग है दोनों का *उद्देश्य अलग अलग है।*
तुम्हारा भी *समय आएगा*। तुम भी एक दिन *बांस के पेड़ की तरह आसमान छुओगे*। मैंने *हिम्मत नहीं हारी*, तुम भी मत हारो !
शिक्षा: हमे अपने जीवन में संघर्ष से नही घबराना चाहिए, यही संघर्ष हमारी सफलता की जड़ों को मजबूत करेगा। हमे लगे रहना चाहिए, आज नहीं तो कल हमारा भी दिन आएगा।
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