**परम गुरु हुजूर साहबजी महाराज-
रोजाना वाकिआत- 16 जनवरी 1933- सोमवार:-
हस्ब मामूल डेरी फार्म जाने का संयोग हुआ। मालूम हुआ कि नई गाय अब अच्छी हालत में है । बुखार उतर गया है। बच्चा पैदा होने पर कुछ गर्भाशय में रह गया था उसकी वजह से तकलीफ हुई । अब सब माद्दा निकल गया है ।।
सेठ चमरिया ने नई फिल्म भेजी। रात को चलवा कर देखी । नापसंद हुई ।मजबूरन दीन दुनिया का ड्रामा फिल्म कराने का इरादा स्थगित कर दिया गया ।।
लुधियाना व अमृतसर के पत्रों से मालूम हुआ कि स्थानीय सत्संगी दयालबाग व ब्यास के मेल से खुश है। यह उनकी शराफत और वफादारी का प्रमाण है। वरना गुरु गोविंद साहब व राम राय साहब के वक्त का सा हाल हो सकता था । उस वक्त उन दोनों बुजुर्गों ने तो मेल कर लिया लेकिन संगत के बहुत से लोग अपनी जिद पर रहे । अमृतसर के सतसंगियों ने फैसला किया कि अपना रोजाना सत्संग यथावत पुराने स्थान पर करते रहें और खास मौकों पर दोनों तरफ के भाई मिलकर एक जगह सत्संग किया करें। यह फैसला प्रशंसनीय है और मुझे दिल से पसंद है ।। पंजाब से एक सनातन धर्मी भाई ने गीता के उर्दू तर्जुमा की बहुत तारीफ लिखी है । शुक्र है कि एक आत्मा की तो उसके हस्ब पसंद सेवा बन पडी। कुछ वक्त तो लगेगा लेकिन मुझे यकीन है कि रफ्ता रफ्ता यह अनुवाद जनप्रिय हो जाएगा । दुनिया हर नई चीज से खौफ खाती है ।।
डॉक्टर चौधरी ने मश्वरा दिया है कि इंटरमीडिएट कॉलेज के लिए नई इमारत बनवाई जावे और मौजूदा इमारत शोरूम और दफ्तरों के काम में लाई जावे। आपकी राय है कि कॉलेज की इमारत कालेज के हॉस्टल के करीब और सत्संग के अहाते से फासले पर होनी चाहिए। राय निहायत उचित है। नई इमारत की तामीर और मौजूदा इमारत में परिवर्तन पर अंदाजन ₹80000 खर्च होगा। डॉक्टर चौधरी ने राय दी कि सतसंगियों को मौका दिया जाये कि अपने नातेदार और सज्जनों की याद गांव में कमरे बनवावें और जो भाई रुपया दे उनके नाम की प्लेट कमरे की दीवार पर लगा दी जावे।
मैंने जवाब दिया दया से हमारी संगत दिखावा की बीमारी से अब तक सुरक्षित रही है। जब तक दम बाकी है यह बीमारी सत्संग से दूर ही रखी जावेगी हमारा भरोसा राधास्वामी दयाल पर है वही हमारे कठिनाई निवारक और अन्नदाता है।।
🙏🏻 राधास्वामी🙏🏻**
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