Tuesday, November 17, 2020

प्रेम पत्र -भाग -1

 **परम गुरु हुजूर महाराज -प्रेम पत्र -भाग -1-(42) 【 करनी और सरन का वर्णन】                           (1) जो जीव के सत्संग में आये हैं यानी जिन्होंने की राधास्वामी मत को कबूल किया है , उनकी दो किस्में है-(१ ) एक "करनी वाले", यानी वे जिनके मन में शोक दर्शन राधास्वामी दयाल के चरणों का तेज है और जीते जी अंतर में शब्द और स्वरूप का रस और आनंद लेना चाहते हैं । ऐसे जीव जो कुछ अभ्यास यानी सुमिरन ध्यान और भजन उनको बताया जावे, उसको नेम से होशियारी और दुरुस्ती के साथ रोजमर्रा दो तीन या चार बार करते हैं और अपने मन और इंद्रियों की रोक और सँभाल कि किसी तरंगों और भोगों के ख्याल में वक्त अभ्यास के भरम में , करते रहते हैं। और दुनियाँ और उसके कारोबार और भोग बिलास में जरूरत की मुआफिक और जहाँ तक बन सके मुनासिब तौर पर बर्ताव रखते हैं और फजूल चाहे धन और पुत्र और नामवरी और तन और मन को सुख और आराम देने की कम उठाते हैं। और जहाँ तक मुमकिन होवे सतगुरु राधास्वामी दयाल के बचनों के मुआफिक अंतर और बाहर कार्यवाही करते हैं । क्रमशः🙏🏻 राधास्वामी🙏🏻**

No comments:

Post a Comment

बधाई है बधाई / स्वामी प्यारी कौड़ा

  बधाई है बधाई ,बधाई है बधाई।  परमपिता और रानी मां के   शुभ विवाह की है बधाई। सारी संगत नाच रही है,  सब मिलजुल कर दे रहे बधाई।  परम मंगलमय घ...