**परम गुरु हुजूर साहबजी महाराज
-【 शरण आश्रम का सपूत】-
कल से आगे
:- प्रेमलाल -ले इन्हे छाती से लगा और मालिक का नाम ले- रोने से कुछ न मिलेगा।
( भोंडी दिखावे के लिए बच्चों को छाती से लगाकर रोती है)
भोंडी- हाय रे -तुम बापू किसे कहोगे-हाय रे मैं मर जाती- तुम्हारा बापू न मरता। (खड़ी होकर सिर पीटती है ।
लोग बिठला देते हैं। बैठकर शिवराम का हाथ पकड़कर नौहा करती है )
● [गाना] ●
भोंडी -स्वामी !
मुझको छोड़ करके, तुम यहाँ से चल दिये। तरस मेरा कुछ न आया, तुम यहाँ से चल दिये।।१।।
नन्हे बच्चे रो रहे हैं, याद करके आपको। उनको भी दिल से भुलाया, तुम यहाँ से चल दिये।।२।।
बिन तुम्हारे जीना मेरा, एकदम मुमकिन नहीं। प्राण बिन मानो हूँ काया, या तुम यहाँ से चल दिये।।३।।
आजा मेरी मौत ऐ आजा न अब तू देर कर। जग में है अंधेरा छाया, तुम यहाँ से चल दिये।।४।।
क्रमशः
🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**
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