**राधास्वामी!! 15-11-2020
- आज सुबह सतसंग में पढें गये पाठ:-
(1) हर सू है आशकारा जाहिर जहूर तेरा। हर दिल में बस रहा है जलवा व नूर तेरा।।-(ऐ साहबज करामत! वै मायए अतूफत! सद जान तेरे सदके सुबहाध नूर तेरा!) (प्रेमबिलास-शब्द-136,पृ.सं.200)
(2) आज आरती करूँ सजाई। उमँग प्रेम मेरे अधिक समाई।।-( धन राधास्वामी प्यारज सतगुरु। मेहर करे़ं नित जो सब जन पर।।) (प्रेमबिलास-शब्द-66,पृ.सं.87,88) सतसंग के बाद:-
(1) सतगुरु दीजे मोहि इक दात।।टेक।। नीच निबल मैं गुन नहि कोई। बल पौरुष कुछ जोर न गात।।-(राधास्वामी प्यारे होउ सहाई। बाल तुम्हारा रहा बिलकात।।) (प्रेमबिलास-शब्द-78,पृ.सं.110,112)
(2) यह सतसंग और राधास्वामी है नाम।सरन आओ हे करमियों तुम तमाम।।-(कि धन धन है सतगुरु मेरे। उतारेंगे भौजल से बेशक परे।।) (प्रेमबानी-3-गजल- 10,पृ.सं.380)
(3) तमन्ना यही है कि जब तक जिऊँ। चलूँ या फिरुँ या 😇 मेहनत करुँ।। पढूँ या लिखूँ मुहँ से बोलू कलाम। न बन आये मुझसे कोई ऐसा काम।। जो मर्जी तेरी के मुवाफिक न हो। रजा के तेरी कुछ मुखालिफ जो हो।। शादी के सतसंग में पढे गये पाठ:-
(1) आज आनंद रहा मौज से चहुँ दिस छाई राधास्वामी की रहे सब मिल महिमा गाई।(प्रेमबानी-4-गजल-5,पृ.सं.6)
(2) आज साहब घर मँगलकारी। गाय रही सखियाँ मिल सारी।।(प्रेमबिलास-शब्द-1,पृ.सं.1)
(3) मैं हुई सखी अपने प्यारे की प्यारी।।(प्रेमबानी-3-शब्द-3,पृ.सं.197)
🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**
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