Monday, November 30, 2020

दयालबाग़ सतसंग शाम 30/11

 **राधास्वामी!! 30-11-2020- आज शाम सतसंग में पढे गये पाठ:-                              

   (1) प्रेमी मानो रे बचन को। रहियो गुरु चरनन लौ लाय।।टेक।। गुरु की महिमा कही न जावे। देव़े घट का भेद लखाय।।-(चढ चढ पहुँचो धुर दरबारा। राधास्वामी दरशन पाय।।) (प्रेमबानी-4-शब्द-4-पृ.सं.41)  

                                               

  (2) राधास्वामी नाम जपो मेरे भाई। राधास्वामी धाम सहज मिल जाई।। राधास्वामी सहसकमल में पहुँचे। राधास्वामी मन के घाट बिराजे।।-(राधास्वामी मेहर करी भरपूर। राधास्वामी कीन्हे कारज पूर।।) (प्रेमबिलास- शब्द-99-पृ.सं.142,143)                            

    (3) यथार्थ प्रकाश-भाग दूसरा-कल से आगे।   

                        

  🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**



**राधास्वामी!!                                    

30-11- 2020

 -आज शाम सत्संग में पढ़ा गया बचन

- कल से आगे:-【 अनन्य भक्ति】- ( 71)

 आक्षेपको के नीतिविरुद्ध आक्रमणों के अवलोकन से अनुमान होता है कि वह इस प्रयत्न में है कि जनता पर यह प्रकट करें कि राधास्वामी मत एक नवीन,   कपोलकल्पित ,  अशिष्ट ,सर्वार्थपरक और मनुष्य को सदाचार से भृष्ट करने वाली शिक्षा देता है। उनके इस घृणित और धर्म-विरुद्ध प्रयत्नन को निष्फल करने के उद्देश्य से पिछले पृष्ठों में दूसरे मतों के महापुरुषों के उपदेश उद्घृत किये गये हैं कि जिससे हर व्यक्ति को प्रकट हो जाय कि राधास्वामी- मत कि सतगूरु भक्ति और सतगुरु -सेवा की शिक्षा कैसी प्राचीन, मान्य ,पवित्र और कल्याणकारी है ।  अब हम सतगुरु -भक्ति की शिक्षा के संबंध में कुछ करनी की (अमली) बातें पेश करेंगे जिससे सर्वसाधारण को राधास्वामी- मत की शिक्षा का क्रियात्मक अंग भली प्रकार समझ में आ जाय।

🙏🏻 राधास्वामी🙏🏻

 यथार्थ प्रकाश- भाग दूसरा

- परम गुरु हुजूर साहबजी महाराज!**

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