Friday, February 12, 2021

खेत पर जरूरी घोषणा

 कल  *१२-०२-२०२१*  को  शाम  के  सतसंग  के  बाद  हुई  अनाउंसमेंट


जो  लोग  खेतों  में  सेवा  करते  हैं, जैसा  आपको  बताया  जाता  है,  सुपरवाइजर  बताते  हैं  और  समय - समय  पर  उसमें  बदलाव  भी  होता  है। ऑर्गेनिक  फार्मिंग  हम  यहां  पर  करते  हैं,  उसका  फ़ायदा  आपको  आपके  स्वास्थ्य  के  लिए  बहुत  ही  लाभदायक  है  और  आपने  देखा  होगा,  इतनी  सर्दी  के  अंदर  भी  आप  लोगों  ने  खेतों  में  सेवा  करी  और  दयालबाग  वे  ऑफ़  लाइफ,  कल्चर  के  अकार्डिंगली,  जिससे  कोई  भी,  किसी  को  ऐसी  कोई  गंभीर  बीमारी  नहीं  हुई।  अगर  किसी  को  माइल्ड  बुखार  वगैरह  हुआ, तो  वह  भी  ठीक  हो  गया  जबकि  संसार  के  अंदर  इतना  पैनडेमिक  फैला  हुआ  था। लेकिन  मालिक  की  अपार  दया  से  आप  सब  लोग  बिल्कुल  स्वस्थ  है। तो  यह  खेतों  में  सेवा  करने  से, दयालबाग  वे  ऑफ़  लाइफ  अपनाने  से  आपको  बहुत  फायदा  है। 


देखिए,  आपको  बहुत  पैसा  होने  का  कोई  फायदा  नहीं  है। ज्यादा  पेंशन  मिलती  हैं,  बड़ी - बड़ी  गाडियां  लेते  हैं, लग्जरी  लाइफ  जीते  हैं,  तो  उसका  कोई  भी  एडवांटेज  नहीं  है। वो  ब्लैक  मनी  में  कन्वर्ट  कर  लेते  हैं, और  अंत  में  उस  पैसे   का  आपको  बिलकुल  भी  लाभ  नहीं  मिलता  है। पैसे  से  कोई  हेल्प  नहीं  मिलती  है,  अपने  को  स्वस्थ  रखने  के  लिए  जो  दयालबाग  पिछले  २००  साल  से  हमारा  खेत  चल  रहा  हैं  और  दयालबाग  १९१५  में  एस्टेब्लिश  हुआ  था, तब  से  दयालबाग  वे  ऑफ़  लाइफ,  कल्चर  एक  दम  अद्भुत,  अलग  है,  इसके  लिए  स्वस्थ  रहने  के  लिए  आप  यहां  के  बताए  गए  मार्ग  पर  चलिएं,  अनुकरण  कीजिए   तो  उसमें  आपका  फ़ायदा  होगा। वर्चुस्व  मोड  में  (अब  वर्चुअल  मोड  ही  नहीं  वर्चुस्व  मोड  हैं) उसमें  आप  काम  करें, इससे  सिर्फ  यही  पर  नहीं, जो  हमारे  सतसंगी  भाई  व  बहन  पूरे  विश्व  में  फैले  हुए  हैं,  कनेक्टेड  भी  रहते  हैं, वह  सब  भी  इसको  एप्लाई  करें,  इसके  ऊपर  अनुसरण  करें  तो  वह  सब  इससे  लाभान्वित  रहेंगे। और आप  लोग  कर  भी  रहे  हैं  और  उसका  फायदा  भी  आप  उठा  रहे  हैं। जानते  हैं, देख  भी  रहे  है,  इस  चीज़  को  आप  लोग  इंटरनली  फील  भी  करते  हैं।


एक  रिक्वेस्ट  आप  लोगों  से  फिर  हैं,  जो  लोग  कनेक्टेड  भी  हैं, कि  हेलमेट  का  इस्तमाल  ज़रूर  कीजिए। हेलमेट,  मास्क  और  सोशियल  डिसटेनसिंग,  यह  आपकी  सुरक्षा  के  लिए  हैं। बहुत  केसेस  यहां  पर  रिपोर्ट  होते  हैं, कि  ड्राइव  कर  रहे  थे,  हेलमेट  नहीं  पहना  हुआ  था, ऐक्सिडेंट  हो  गया, हैड  इंजरी  हो  गई। शुरू  से  आपको  पता  होना  चाहिए,  इसके  लिए  दयालबाग  में  जनवरी  से  पैनडेमिक  के  पहले  से  ये  हेलमेट  का  इस्तमाल  शुरू  हो  गया  था  और  आप  सभी  लोग  इस  पर  अमल  कीजिए।


जो  लोग  दयालबाग  में  आकर  रहते  है, निस्वार्थ  सेवा  करते  हैं, वहीं  लोग  भण्डार  घर  में  खाने  के  हकदार  हैं। जो  बाहर  से  पिलग्रिम्स  आते  हैं  और  जो  सेवा  करते  हैं,  जिनको  कुछ  दिन  कि  परमिशन  मिलती  है, दयालबाग  में  आने  की,  रहने  की, उनको  खाना  भण्डार  घर  से  नहीं  आएगा।  पैनडेमिक  आजकल  हैं,  इसीलिए  यहां  आने  की  रोक  टोक  यहां  पर  हैं। अपने  स्थानों  पर  रहकर  निस्वार्थ  सेवा  करें,  ये  तो  हर  जगह  कनेक्टेड  हैं,  जहां  ५   सतसंगी  हैं,  वहां  परमिशन  दी  है, और  जो  लोग  कनेक्टेड  भी  हैं,  ब्रांच  में,  सेंटर  में, वह  लोग  भी  इस  बात  पर  ध्यान  दे,  रोजाना  २  घंटे  से  २.३०  घंटे  निस्वार्थ  सेवा  करें। ये  नहीं  की  बैठे  है,  टी.वी.  देख  रहे  हैं, वहां  से  स्क्रीन  पर  देख  रहे  हैं। इस  बात  को  ध्यान  दे,  आप  लोग  सेवा  करें,  निस्वार्थ  सेवा  करे। जो  लोग  सेवा  करते  रहे  हैं  और  करते  रहेंगे  उन्ही  को  भण्डार  घर  की  फैसिलिटी  मिलेगी।  जिनको  टेंपोरैरिली  परमिट  दिया  जाता  है  व  जिनको  वीडियो  कॉन्फ्रेंसिंग  मोड  में  परमिट  किया  जाता  है,  उनको  भण्डार  घर  से  खाना  नहीं  मिलेगा।  वो  फैसिलिटी  उनके  लिए  नहीं  है।  जब  भण्डारा  होता  है  आपकी  ब्रांच  में  या  जो  अरेंजमेंट  होता  है,  आप  लोग  उसका  सेवन  वहां  पर  करें। लेकिन  वह  भी  वहीं  लोग  जो  निस्वार्थ  सेवा  में  भाग  लेते  हैं।  ये  नहीं  की  सिर्फ  उस  पर्पस  के  लिए  वहां  पहुंच  गए। यहां  आकर  भण्डारा  करने  की  परमिशन  थोड़े  ही  लोगों  को  मिलती  है,  २० - ३०  लोगों  को,  उनको  भी  यहां  खाना  भण्डार  घर  से  नहीं  मिलेगा।  वो  अपना  आके  यहां  बनाए,  अपना  अरेंजमेंट  करें  और  खुद  खाने  का  इंतजाम  करें। भण्डार  घर  में  उनको  बनाने  कि  फैसिलिटी  दे  दी  जाएगी।  उनको  खुद  ही  खाना  हैं,  और  अपने  लिए  ही  बनाना  है। बाकी  लोगों  का  इंतजाम  तो  भण्डार  घर  में  हैं। 


देखिए  एक  भ्रम  है  लोगों  में  कि  इमली  जो  हैं,  उसको  खाने  से  जोड़ों  (घुटनों)  में   दर्द  बढ़ती  है। लेकिन  यह  गलत  है,  बल्कि  इमली  खाने  से  जोड़ों  (घुटनों)  का  दर्द  ठीक  होता  है।


*राधास्वामी*

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