सत्संग ठंडक है जो..
मेरे तपते मन को शांत करता है..
सत्संग मिठास है..
जो मेरे ज़हरीले कड़वे मुख को मीठा बनाता है..
सत्संग सबर सिदक है..
जो मेरे लालच को बढ़ने नहीं देता..
सत्संग सच है
सुमिरन करो।।
लाख दु:खों की एक दवा वो है सत्संग..
शुकराना मेरे मालिक..
🙏🏻🙏🏻
जब चिंता कोई सताये :: सुमिरन करों..
जब व्याकुल मन घबराये :: सुमिरन करों..
कोई राह नज़र न आये :: सुमिरन करों..
अगर बात समझ में न आये :: सुमिरन करों..
सुमिरन करों..
सुमिरन करो। समीक्षा करो।।
🙏🏻🙏🏻
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