Monday, September 7, 2020

दयालबाग़ सतसंग

 **राधास्वामी!! 07- 09-2020

- आज शाम के सतसंग में पढे गये पाठ:-    

                        

 (1) पूरन भक्ति देव गुरु दाता। सुरत रहे तुम चरनन साथा।। गुरु बल जाउँ महासुन पारा। सुनूँ गुफा धुन सोहँग सारा।।-(बडे भाग पाई राधास्वामी सरना। भौसागर से सहजहि तरना।।) (प्रेमबानी-3-शब्द-19,पृ.सं.363)                                                  

(2) ऐ माबूदे आलम व मकबूले मन। खुदावन्दे नेमत व मसजूदे मन।।-( गुनाहाँ बिकरदम हजाराँ हजार। बदामे हविस गश्ता लैलो निहार।।) (प्रेमबिलास-शब्द-49,पृ.सं.61)                                                        

 (3) यथार्थ प्रकाश-भाग पहला-

कल से आगे।               

🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**

 

आज शाम के सत्संग में पढ़ा गया बचन-


 कल से आगे -(102) 

वह परमार्थ की सच्ची कदर और परमार्थी शिक्षा की सच्ची समझ आ जाने से प्रत्येक धार्मिक आचार्य और उसकी शिक्षा का हार्दिक सम्मान करना करता है ।

 और प्रत्येक परमार्थी व्यक्ति,  चाहे वह किसी संप्रदाय का अनुयायी हो , अपने भगवंत का प्रेमी प्रतीत होने से उसे जान से प्यारा लगता है । वह, यह जानता हुआ  कि बिना विशेष संस्कारों या विशेष कोटि की चेतनता के जगे कोई मनुष्य न सच्चा प्रमार्थ समज सकता है न उसका आदर कर सकता है, साधारण लोगों के साथ वादअनुवाद में नहीं उलझता ; और यह समझता हुआ कि सभी जीव कुलमालिक के बच्चे हैं और सभी का कल्याण कुलमालिक को अभीष्ट है प्रत्येक व्यक्ति को उसकी परिस्थिति पर छोड़ देता है। हाँ , यदि कोई मनुष्य उससे जिज्ञासु बनकर कोई बात पूछता है तो वह प्रसन्नतापूर्वक उसका उत्तर देता है , और जो कुछ मालूम है उसे समझाने की चेष्टा करता है ।।                                                         

🙏🏻राधास्वामी 🙏🏻            

                      

यथार्थ प्रकाश -भाग पहला- परम गुरु हुजूर साहबजी महाराज!**

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